52 करोड़ का खर्चा फिर भी प्यासा कोयलांचल,तीन दिन में एक बार मिल रहा पानी

छिंदवाड़ा,बावन करोड़ खर्च के बाद भी कोयलांचल प्यासा है। पेंचव्हेली समूह की जलप्रदाय योजना में मंधान बांध का कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की लापरवाही का खामियाजा क्षेत्रवासियों को भोगना पड़ रहा है। बांध की जगह विभाग अब भी कुओं से पानी की आपूर्ति कर रहा है।क्षेत्र में तीन दिन में एक बार पानी की आपूर्ति हो रही है।
जिले के कोयलांचल में परासिया तहसील की पेयजल समस्या के निराकरण के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने पेंचव्हेली परियोजना खंड बनाया है जिसमें एक कार्यपालन यंत्री, तीन एसडीओ और दर्जन भर से ज्यादा उपयंत्री कार्यरत है।हर माह अधिकारी-कर्मचारियों को लाखों का वेतन हो रहा है लेकिन पेयजल समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है। कोयलांचल में अब भी तीन दिन में एक बार पानी की आपूर्ति हो रही है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में हालात एक सप्ताह में एक बार पेयजल आपूर्ति के बने हुए हैं। कोयलांचल लगातार पेयजल संकट से जूझ रहा है। इसके लिए राज्य शासन ने चरई के समीप पेंच नदी पर बांध बनाने के लिए विभाग को 52 करोड़ का बजट दिया है। बांध बनाने का काम पिछले एक दशक से चल रहा है लेकिन यह कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है। बांध ना बनने से पेंच नदी के पानी का भंडारण नहीं है और भंडारण ना होने से मांग के अनुपात में पानी की आपूर्ति की स्थिति नहीं है। विभाग के अधिकारी बांध कार्य को फिनिशिंग स्तर पर बता रहे हैं बांध में अब तक हाईलेबल ब्रिज का कार्य पूर्ण हो चुका है स्लेब के ऊपर रैलिंग भी लग चुकी है। मिट्टी के बांध के अलावा अनेक कार्य अधूरे पड़े हैं। बताया गया है कि एजेंसी ने वर्तमान में फिर कार्य बंद कर दिया है जिसके कारण निर्माण लागत बढ़ना बताया जा रहा है।
:: एक दशक से बन रहा बांध
चरई के समीप पेंच नदी पर बनने वाला बांध पिछले एक दशक से बन रहा है। विभाग ने रीवा की एक कंपनी को बांध बनाने का ठेका दिया है। यहां नदी पर 5316 एमसीएम जल भंडारण क्षमता का बांध बनना है इसके लिये डूब क्षेत्र में आने वाले करीब 30 एकड़ भूमि का हस्तांतरण भी वन विभाग ने कर दिया है। हालाकि विभाग के अधिकारी बांध के कार्य को फिनिशिंग स्तर बता रहे हैं लेकिन मौजूदा स्थिति में नदी में जल भंडारण नहीं है इससे आने वाले समय में जल संकट और बढ़ने के आसार पैदा हो गये हैं जिसमें क्षेत्र से लगे नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतों की चिंता बढ़ा दी है।
:: यहां होती है जलापूर्ति
पेंचव्हेली समूह जल प्रदाय योजना से नगर पालिका परासिया, चांदामेटा, बड़कुही एवं ग्राम पंचायत भमोड़ी, जाटाछापर, भाजीपानी, इकलेहरा, पालाचौरई, को पेयजल आपूर्ति की जाती है। विभाग पेयजल आपूर्ति के लिये यहां पाईप लाइन काफी पहले बिछा चुका है लेकिन जल स्रोत में जल भंडारण ना होने से हालात हमेशा ही विषम रहे हैं। 52 करोड़ का बांध बनने से यहां पेयजल संकट समाप्त होने की उम्मीदें हैं। बताया गया कि पहले बांध की लागत मात्र 32 करोड़ थी लेकिन कंस्ट्रक्शन कंपनी के कार्य करने से इंकार करने के बाद प्रदेश सरकार ने इस परियोजना में 20 करोड़ का बजट बढ़ाया है। पेयजल संकट को लेकर क्षेत्र में दर्जनों आंदोलन भी हो चुके हैं।
बनाए हैं कुए
बांध ना बन पाने के कारण विभाग ने पेंच नदी के समीप 6 कुए बनाए हैं जिनसे प्रतिदिन 16 एमएलडी पानी की आपूर्ति नगरीय निकायों एवं ग्राम पंचायतों को की जा रही है। लंबे समय से यहां तीन दिन में एक बार पानी की आपूर्ति का दौर चल रहा है वहीं ग्रीष्म ऋतु के आते-आते यहां 7 दिन में एक बार फिर और फिर परिवहन के माध्यम से ही पानी उपलब्ध हो पाता है।

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