नई दिल्ली,भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा है कि जजों की तरह ही पार्टी के नेताओं और कैबिनेट में शामिल मोदी के मंत्रियों को भी लोकतंत्र के लिए भय से परे होकर बोलना चाहिए।
सिन्हा ने 4 जजों के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा हालात 1975-77 के दौरान की इमर्जेंसी जैसे हो गए हैं। यही नहीं संसद के सत्र की अवधि कम किए जाने को लेकर भी उन्होंने चिंता जताई। पत्रकारों से बात करते हुए सिन्हा ने कहा, ‘यदि संसद के कामकाज से समझौता किया जा रहा है, सुप्रीम कोर्ट का काम सही से नहीं चल पा रहा है तो लोकतंत्र खतरे में है।’
सिन्हा ने कहा, ‘यदि सुप्रीम कोर्ट के 4 सबसे सीनियर जज कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है तो हमें उसे गंभीरता से लेना चाहिए।’ पार्टी से बागी तेवर अपना चुके सिन्हा ने कहा, ‘लोकतंत्र के लिए महसूस करने वाले हर नागरिक को बोलना चाहिए। मैं पार्टी के नेताओं और कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्यों से भी कहूंगा कि वे अपनी आवाज बुलंद करें। मैं उनसे अपील करूंगा कि वे भय से निकलें और अपनी बात रखें।’ हालांकि सिन्हा ने कहा कि इस मामले से शीर्ष अदालत को खुद ही निपटना चाहिए।