सुप्रीम कोर्ट ने कहा नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों का जल्द हो निपटारा

नई दिल्ली,उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों का शीघ्र और समयबद्ध तरीके से निपटारा होना चाहिए। इसके साथ ही उसने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की संलिप्तता वाला एक मामला मार्च के लिए सूचीबद्ध कर दिया। शीर्ष न्यायालय ने हाई प्रोफाइल एवं करोड़ों रूपए के आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला मामले में आरोपी चव्हाण का मामला आखिरी निपटारे के वास्ते मार्च के लिए सूचीबद्ध कर दिया। हालांकि, शीर्ष न्यायालय ने कहा कि मामले का उच्चतम न्यायालय में निपटारा होने तक निचली अदालत की कार्यवाही स्थगित रहेगी। न्यामूर्ति जे. चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति किशन कौल की सदस्यता वाली एक पीठ ने यह निर्णय लिया है। गौरतलब है कि पिछले साल 14 दिसंबर को शीर्ष न्यायालय ने जन प्रतिनिधियों की संलिप्तता वाले मामलों का विशेष रूप से निपटारा करने के लिए 12 विशेष अदालतें गठित करने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि यह अदालतें एक मार्च से काम काज शुरू करें। इसने केंद्र से संबद्ध राज्यों को 7.80 करोड़ रूपया फौरन आवंटित करने को कहा था। शुरूआत में चव्हाण की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एक अपील है, जिसके जरिए इसने मामले में आरोपी सूची से उनका नाम हटाने से इंकार कर दिया था। सिब्बल ने कहा कि सीबीआई ने आरोप लगाया है कि चव्हाण ने महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री रहने के दौरान 40 फीसदी फ्लैट नागरिकों को आवंटित करने की अवैध मंजूरी दी थी, जबकि यह सोसाइटी रक्षा कर्मियों के लिए थी। पीठ ने दलीलें सुनने के बाद कहा, क्या यह आदर्श हाउसिंग सोसाइटी मामला है? वरिष्ठ अधिवक्ता ने इसका सकारात्मक जवाब दिया और कहा कि इस मामले में चव्हाण के खिलाफ अभियोजन के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा सीबीआई को दी गई मंजूरी को उच्च न्यायालय ने हाल ही में रद्द कर दिया था। चव्हाण फिलहाल महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के प्रमुख हैं।

 

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