लोया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट जल्द दाखिल करने का आदेश दिया

नई दिल्‍ली, सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई करने वाले सीबीआई जज बीएच लोया की मौत को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गंभीर मामला बताते हुए महाराष्‍ट्र सरकार को पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट देने का आदेश दिया इस मामले में शीर्ष अदालत में सोमवार को अगली सुनवाई होगी। बता दें कि जस्टिस लोया सीबीआई के स्पेशल कोर्ट में सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले को देख रहे थे। जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत की जांच की मांग वाली जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट की वकील अनिता शिनॉय ने दायर की है। याचिकाकर्ता ने मामले की तत्काल सुनवाई की मांग 3 जजों की बेंच से कराने की भी मांग की है। बात दे कि लोया की 30 नवंबर 2014 को संदिग्ध हालत में उनकी मौत हो गई। उनके परिवार ने भी इसके बाद कई महीनों तक मीडिया से कोई बात नहीं की। धीरे-धीरे कई मुलाकातों के बाद जज लोया की मौत और सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में कई परेशान करने वाले साक्ष्य सामने आए हैं। उनसे पहले मामले की सुनवाई कर रहे जज का तबादला कर दिया गया था। लोया के बाद सुनवाई करने आए नए सीबीआई जज ने अमित शाह को मामले से बरी कर दिया था।
विशेष सीबीआई अदालत के जज बृज गोपाल हरकिशन लोया की मौत में नागपुर पुलिस, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ एक के बाद एक साक्ष्यों का पर्दाफाश करने के बाद एक पत्रिका ने जज लोया के परिजनों के बयान का वीडियों जारी किया है,जिसके बाद जज लोया की रहस्मय मौत पर कई सवाल खड़े होते हैं। इसमें जज लोया की बहन का कहना है कि सोहराबुद्दीन मामले में अमित शाह के पक्ष में फैसला देने के लिए जज लोया को 100 करोड़ रुपये और मुंबई में एक घर देने की पेशकश की गई थी।1 दिसंबर,2014 को 48 वर्षीय जज लोया एक विवाह समारोह में शामिल होने नागपुर गए थे। वहीं, दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। इसके बाद लोया के परिवार के लोग उनकी मौत पर संदेह जाता रहे हैं।

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