मन्नान वानी के सुपरवाइजर प्रोफेसर सैयद अहमद अली से की जा रही अधिक पूछताछ

अलीगढ़,अमुवि ने अपने होनहार रिसर्च स्कॉलर मन्नान वशीर वानी का नाम आतंक से जुड़ने के बाद उसकों विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया है। एटीएस समेत विभिन्न एजेंसियां अब वानी का पिछला रिकॉर्ड खंगालने में जुटी हैं। सबसे ज्यादा पूछताछ वानी के सुपरवाइजर प्रोफेसर सैयद अहमद अली से की जा रही है। मन्नान वानी सबसे ज्यादा समय अपने सुपरवाइजर के साथ ही बिताता था।
वानी पीएचडी भी इन्ही प्रोफेसर के निर्देशन में कर रहा था। प्रोफेसर अहमद ने बातचीत में बताया कि वानी उनसे आखिरी बार दो जनवरी को मिला था। दो मिनट की बातचीत में परीक्षा से जुड़े कई बिंदुओं पर बातचीत करके गया था। उसका 22 जनवरी को एग्जाम है। तीन दिन बाद ही उसका नाम आतंक से जुड़ गया। मन्नान जैसे होनहार स्टूडेंट का नाम आतंक से जुड़ने और उसके ऐसा कदम उठाने से प्रोफेसर अहमद काफी परेशान नजर आए।
उन्होंने कहा कि मन्नान डिपार्टमेंट का सबसे ब्रिलियंट स्टूडेंट था। वह ऐसा कदम उठा सकता हैं, यह बात अभी तक गले से नहीं उतर रही है। उन्होंने बताया कि मन्नान जितने समय भी डिपार्टमेंट में रहता था, सिर्फ पढ़ाई की ही बातें करता था। उसने अपने रिसर्च का विषय भू-गर्भ विज्ञान में संरचनात्मकता को चुना था। रिसर्च के लिए कुपवाड़ा के लोलाब स्थित अपने ही गांव तकीपोरा को चुना था। उसकी मंशा रिसर्च के जरिए अपने इलाके की पृथ्वी की वि.ति को समझने, भूगार्मिक तरीके से वैश्विक संश्लेषण, क्षेत्र अध्ययन, साम्रगी विज्ञान के साथ साथ अपने इतिहास को संगठित करना था।
एग्जाम को लेकर काफी परेशान था मन्नान
मन्नान वानी अपने एग्जाम को लेकर काफी परेशान था। उसका 22 जनवरी को डिपार्टमेंट में कोर्स वर्क होना था। आखिरी समय भी डिपार्टमेंट में उसने सिर्फ 22 जनवरी को होने वाली परीक्षा को लेकर बातचीत की। मन्नान के सुपरवाइजर प्रोफेसर अहमद ने बताया कि मन्नान का 22 जनवरी को एग्जाम था। आखिरी समय जब वह उनके पास आया था, परीक्षा को लेकर थोड़ा परेशान नजर आया। परीक्षा से जुड़े कई बिंदुओं पर बातचीत भी की।

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