श्रीहरिकोटा,पीएसएलवी के माध्यम से 31 उपग्रह लांच करने के साथ ही इसरो का शुक्रवार सुबह सैटेलाइट भेजने का शतक पूरा हो गया है। इस तरह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रच दिया है। लांच किए गए कुल 31 उपग्रहों में से तीन भारतीय हैं, जबकि बाकी 28 छह देशों कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के हैं।
पृथ्वी अवलोकन के लिए 710 किलोग्राम का कार्टोसेट-2 सीरीज मिशन का प्राथमिक उपग्रह है। इसके साथ सह-यात्री उपग्रह भी है, जिसमें 100 किलोग्राम का माइक्रो और 10 किलोग्राम का नैनो उपग्रह भी शामिल हैं। कुल 28 अंतरराष्ट्रीय सह-यात्री उपग्रहों में से 19 अमेरिका, पांच दक्षिण कोरिया और एक-एक कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और फिनलैंड के हैं। भारत की इस उपलब्धि पर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत जिन उपग्रहों का प्रक्षेपण कर रहा है, उनका इस्तेमाल नागरिक और सैन्य उद्देश्य में किया जा सकता है। पाक ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इनका इस्तेमाल सैन्य क्षमताओं के लिए नहीं किया जाए। अगर ऐसा होता है कि इसका क्षेत्र पर गलत प्रभाव पड़ेगा।
इसरो ने अपनी वेबसाइट पर गुरुवार को लिखा, “पीएसएलवी-सी 440 के चौथे चरण के प्रणोदक को भरने का काम चल रहा है.” चौथे चरण के पीएसएलवी-सी-40 की ऊंचाई 44.4 मीटर और वजन 320 टन होगा। पीएसएलवी के साथ 1332 किलो वजनी 31 उपग्रह एकीकृत किए गए हैं, ताकि उन्हें प्रेक्षपण के बाद पृथ्वी की ऊपरी कक्षा में तैनात किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को ही केंद्र सरकार ने मशहूर वैज्ञानिक के. शिवन को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। उन्होंने किरन कुमार की जगह ली है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने बुधवार को शिवन के नाम को मंजूरी दे दी। किरन का कार्यकाल 14 जनवरी को पूरा होने जा रहा है। हालांकि, शुक्रवार को लॉन्च के दौरान किरन कुमार भी मौजूद रहे थे। चार महीने पहले 31 अगस्त 2017 इसी तरह का एक प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी की निम्न कक्षा में देश के आठवें नेविगेशन उपग्रह को वितरित करने में असफल रहा था। पीएसएलवी-सी40 वर्ष 2018 की पहली अंतरिक्ष परियोजना है। अन्नादुरई ने कहा पीएसएलवी अपने 39वें परियोजना (पीएसएलवी-सी 39) तक बहुत सफल रहा था, पीएसएलवी-सी 39 हमारे लिए एक बहुत बड़ा झटका था क्योंकि हीट शील्ड अलग नहीं हो पाए थे।
प्रक्षेपण में ईसरो का शतक, छह देशों के उपग्रह लांच किए
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