भोपाल,प्रदेश में पहली बार बाघों की गिनती में आमजनों का भी सहयोग लिया जाएगा। इस अभियान में 30 हजार से अधिक का वन अमला तैनात रहेगा। हर चार साल में होने वाली यह गिनती 5 फरवरी से शुरू हो रही है। उन्हीं व्यक्तियों को जंगल में जाने की मंजूरी मिलेगी जो 18 वर्ष से अधिक हों और दुर्गम रास्तों में चलने के अभ्यस्त हों। स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। बाघों की गणना का कार्य 26 मार्च 2018 तक चार चरणों में होगी। इस महाअभियान को पूरा करने के लिए जंगलों में 30 हजार कर्मचारियों को उतारा जाएगा। कैमरा ट्रैपिंग पहले से ही की जा रही है और फेज-4 की गणना पैदल कर्मचारी करेंगे।
पैदल प्रत्यक्ष गणना में रेंज के सभी अधिकारी, फॉरेस्ट गार्ड और वन मंडलों के सीएफ और डीएफओ शामिल होंगे। बाघ आंकलन में वन-कर्मियों के साथ 18 वर्ष से अधिक उम्र के भारतीय नागरिक भी भाग ले सकेंगे। स्वयंसेवक प्रत्येक चरण के पहले तीन दिनों (मांसाहारी प्राणियों के चिन्हों का आंकलन) की प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे। स्वयंसेवकों को परिवहन और भोजन व्यय स्वयं वहन करना होगा। आंकलन अवधि में स्वयंसेवक को आवंटित बीट में स्थानीय वन-कर्मियों के साथ उनके आवास में ही ठहरना होगा तथा अपना स्लीपिंग बैग अथवा बेडरोल स्वयं ही लाना होगा।आवेदक 15 जनवरी तक संबंधित टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर, राष्ट्रीय उद्यानों के संचालक एवं क्षेत्रीय, वन्य-प्राणी मंडलों, राज्य वन विकास निगम-मण्डलों के मण्डल प्रबंधक और वन मण्डलाधिकारी को ई-मेल द्वारा आवेदन भेज सकते हैं।
5 फरवरी से शुरू हो रहा बाघों की गिनती का काम आमजन कर सकेंगे शिरकत
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