फरीदाबाद,अस्पतालों में इलाज के नाम पर लंबे-चौड़े बिल बनाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। फरीदाबाद के एशियन हॉस्पिटल से जुड़ा ताजा मामला सामने आ रहा है। यहां २२ दिनों से भर्ती बुखार से पीड़ित एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। मतृका के परिजन हॉस्पिटल के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं। फरीदाबाद के गांव नचौली रहने वाले सीताराम ने अपनी २० वर्षीय बेटी श्वेता को बुखार आने पर १३ दिसंबर को एशियन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। ३-४ दिन के इलाज के बाद डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा महिला के पेट में मर गया है और ऑपरेशन करना पड़ेगा। ऑपरेशन के लिए अस्पताल ने तीन लाख रुपये जमा करने के लिए कहा। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने पैसा जमा होने के बाद ही ऑपरेशन करने की बात कही थी। मृतका के चाचा का कहना है कि श्वेता को बुखार था, लेकिन उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया गया। डॉक्टरों ने पहले तो टाइफाइड बताया और उसे आईसीयू में भर्ती किया गया है। आंतों में इंफेक्शन है। श्वेता के चाचा ने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें ऑपरेशन के लिए तीन लाख रुपये जमा करने के लिए कहा। पीड़ित परिवार का कहना है कि तब तक वे इलाज के नाम पर १०-१२ लाख रुपये जमा करा चुके थे। अस्पताल ने उन्हें १८ लाख रुपये का बिल थमाया है। अस्पताल प्रशासन ने पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि डॉक्टरों ने मरीज को बचाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन इंफेक्शन फैलने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका। अस्पताल के प्रबंधक डॉ। रमेश चंद्रा ने बताया कि मरीज ३२ हफ्ते की गर्भवती थी और ८-१० दिन से बुखार से पीड़ित थी। उसके बच्चे की मौत हो चुकी थी, जिसके कारण आंतों में इंफेक्शन हो गया था। इसके लिए ऑपरेशन भी किया गया, लेकिन मरीज को बचाया नहीं जा सका। अस्पताल प्रशासन ने पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि डॉक्टरों ने मरीज को बचाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन इंफेक्शन फैलने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका। अस्पताल के प्रबंधक डॉ.रमेश चंद्रा का कहना है कि मरीज ३२ हफ्ते की गर्भवती थी और ८-१० दिन से बुखार से पीड़ित थी। उसके बच्चे की मौत हो चुकी थी, जिसके कारण आंतों में इंफेक्शन हो गया था। इसके लिए ऑपरेशन भी किया गया, लेकिन मरीज को बचाया नहीं जा सका।