लंदन,दिल की बीमारी से पीड़ित इंसान अगर शादीशुदा है तो उनके लंबा जीवन जीने की संभावना बढ़ जाती है, उन लोगों की तुलना में जो या तो तलाकशुदा हैं, जिनके पार्टनर की मौत हो चुकी है या फिर जिन्होंने कभी शादी ही नहीं की। यह खुलासा हुआ है हाल ही में अमेरिका में हुई एक स्टडी में। इस स्टडी के मुताबिक शादीशुदा हार्ट पेशंट्स को भी हृदय से जुड़े कई रिस्क फैक्टर्स का सामना करना पड़ता है लेकिन ऐसे लोग जिनके पास कोई पार्टनर नहीं है, अगर उन्हें दिल की बीमारी हो जाए तो उनकी मौत की आशंका शादीशुदा की तुलना में 71 प्रतिशत बढ़ जाती है। अमेरिका के अटलांटा स्थित इमोरी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ अरशद क्युयुमी ने कहा, ‘हमने कई बायोमार्कर्स का आकलन किया जिसमें कलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और डायबीटीज शामिल है। इस बात में सच्चाई है कि जो लोग शादीशुदा नहीं हैं उनकी मौत की संख्या ज्यादा है क्योंकि उनमें यहां बतायी गई परिस्थितियां ज्यादा पायी जाती हैं। लेकिन सिर्फ मैरिटल स्टेटस एक स्वतंत्र रिस्क फैक्टर है।’ अनुसंधानकर्ताओं ने करीब 6 हजार ऐसे महिलाओं और पुरुषों को अपनी स्टडी में शामिल किया जिनकी हृदय धमनियां पहले से बंद थीं। उनमें शादीशुदा लोगों की तुलना में हार्ट अटैक से मौत की आशंका 71 प्रतिशत बढ़ जाती है जबकि तलाकशुदा, पार्टनर से अलग रह रहे और कभी शादी न करने वाले दिल के मरीजों की मौत की आशंका 40 प्रतिशत होती है। इसके बाद रिसर्च टीम ने दिल की बीमारियों की वजह से होने वाली मौत, हार्ट अटैक और किसी भी वजह से होने वाली मौत का वैवाहिक स्थिति से क्या संबंध है इसकी जांच की गई। इस स्टडी के मुताबिक उन लोगों की स्थिति ज्यादा खराब है जिनके पार्टनर की मौत हो चुकी है।