SC ने केंद्र से पूछा सजा-ए-मौत में फांसी ही क्यों? क्या-क्या हैं विकल्प बताइये

नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट ने सजा ए मौत के तहत फांसी के विकल्प की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते का समय दिया है। याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे कि सजा ए मौत कैसे दी जाए. बल्कि, केंद्र सरकार बताए कि दूसरे देशों में मौत की सजा कैसे दी जाती है?
इस मामले पर केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से चार हफ्ते का समय मांगा है। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। सुप्रीम कोर्ट चार हफ्ते बाद मामले की सुनवाई करेगी। मामले में याचिकाकर्ता की दलील थी कि फांसी की सजा अमानवीय और बर्बर है। आज के सभ्य समाज में ये स्वीकार्य नहीं है, लिहाजा मौत की सजा ऐसी हो जिसमें दर्द कम हो। साथ ही मौत का डर भी नहीं सताए, क्योंकि मौत से ज्यादा मौत का डर ज्यादा दुखदायी होता है।
याचिका में यह दलील भी दी गई कि फांसी की सजा में करीब 40 मिनट लगते हैं, जबकि इंजेक्शन, गोली मारने और बिजली के झटके से मारने में महज कुछ मिनट. ऐसे में मौत की सजा के तहत इन्हीं में से या ऐसे ही किसी तरीके को अपनाया जाना चाहिए।

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