भोपाल,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के विरोध में प्रदेश भर के तहसीलदार सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। सभी तहसीलदारों ने अपने अपने जिला कलेक्टर को मुख्य सचिव व पीएस राजस्व के नाम का एक ज्ञापन भी सौंप दिया है। इस दौरान जमीन के नामांतरण, बंटान, सीमांकन और न्यायालयों में चल रहे हजारों मामलों की सुनवाई नहीं होगी। मालूम हो कि पिछले दिनों यह आदेश जारी किए गए थे कि अविवादित नामांतरण का निराकरण, निर्धारित समयसीमा 30 दिन में न करने पर तहसीलदार या नायब तहसीलदार पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। ऐसे प्रकरणों की जानकारी देने वालों को एक लाख रुपए का ईनाम देने की घोषणा भी हुई थी।
शासन द्वारा जारी किए गए इस आदेश को लेकर तहसीलदार-नायब तहसीलदार संघ के साथ साथ राजस्व निरीक्षक व पटवारी संघ भी विरोध की मुद्रा में आ गए हैं। अब मंगलवार से भोपाल सहित प्रदेशभर के तहसीलदार तीन दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए है। संघ का कहना है कि यह आदेश तहसीलदारों को हतोत्साहित कर देने वाला है। तहसीलदार व नायत तहसीलदार स्टॉफ और संसाधन की कमी के बावजूद राजस्व विभाग के साथ साथ 33 अन्य विभागों का काम देख रहे हैं। ऐसे में यह आदेश जारी होना सभी राजस्व अधिकारियों को अपमानित करने वाला है। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त होना चाहिए।बता दें कि मुख्यमंत्री की घोषणा को लेकर जब तहसीलदार संघ ने आपत्ति की थी तो मुख्य सचिव ने आश्वस्त किया था कि इसका आदेश जारी नहीं होगा, लेकिन शासन की ओर से यह आदेश जारी हो गया है।
MP में तहसीलदार कर रहे CM की घोषणा का विरोध,सामूहिक अवकाश पर गए नामांतरण, बंटान और सीमांकन का काम ठप
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