लखनऊ,मंगलवार को शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर मदरसा शिक्षा को खत्म करने की मांग की है। मदरसा शिक्षा पर पूरी रिपोर्ट शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड पहले ही प्रधानमंत्री को भेज चुका है और अब उसने सीधा मदरसा शिक्षा को खत्म करने की चिट्ठी प्रधानमंत्री को लिखी है। बोर्ड ने अपनी इस रिपोर्ट में यूनिफॉर्म एजुकेशन सिस्टम की वकालत की है। इसके साथ ही सभी मदरसों को सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम से जोड़ने की मांग की है।
मंगलवार को मदरसा शिक्षा को खत्म करने की वकालत करते हुए वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री को लिखा है कि स्वतंत्रता के बाद धर्मनिरपेक्ष शिक्षा प्रणाली के विपरीत मदरसा शिक्षा कट्टरपंथियों के द्वारा प्रेरित है। रिजवी ने अपने पत्र मदरसों में सही ज्ञान नहीं दिया जाता और गलत विचारों से मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का दिमाग कट्टरपंथ की ओर जा रहा है। जो भारतीय मुसलमानों के लिए एक अभिशाप बन गया है। मदरसा शिक्षा की वजह से ही भारतीय मुस्लिम लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति बेहद ही निराशाजनक है। यह शिक्षा बिल्कुल दूसरे ध्रुव जैसी है। अगर वर्तमान शिक्षा उत्तरी ध्रुव है तो मदरसा शिक्षा दक्षिणी ध्रुव जिसमें कोई सामंजस्य नहीं है।
मदरसों में शिक्षित युवा रोजगार के मोर्चे पर अनुत्पादक होते हैं। उनकी डिग्रियां सभी जगह मान्य नहीं होती और खासकर निजी क्षेत्र में जो रोजगार है वहां मदरसा शिक्षा की कोई भूमिका नहीं होती। ऐसे में पूरा समुदाय समाज के लिए हानिकारक हो जाता है। ज्यादातर मदरसों जकात के पैसे से चल रहे हैं जो कि भारत,बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों से आ रहे हैं। कुछ आतंकवादी संगठन भी अवैध रूप से चल रहे मदरसों को फंडिंग कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि मुस्लिम इलाकों में ज्यादातर मदरसों सऊदी अरब के भेज धन से चल रहे हैं। इसकी जांच की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में मुर्शिदाबाद और शामली के मदरसों का भी जिक्र है। यहां आतंकवादियों को ट्रेनिंग और गोला-बारूद एक जगह से दूसरे जगह भेजने की बात की गई है। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अपनी इस रिपोर्ट में यूनिफॉर्म एजुकेशन सिस्टम की वकालत की है ताकि सभी लोगों को एक जैसी शिक्षा मिल सके।