नई दिल्ली,रिक्शा चालक के बेटे निसार अहमद जमैका के प्रसिद्ध रेसर उसैन बोल्ट के क्लब में ट्रेनिंग लेंगे। प्रसिद्ध स्प्रिंटर उसैन बोल्ट का यह घरेलू ट्रैक है। निसार की तरह बोल्ट को भी बचपन मे काफी संघर्ष करना पड़ा था। गेल कंपनी के मदद से निसार ट्रैक में एक महीने के लिए ट्रैनिग लेंगे। 25 जनवरी को निसार जमैका के लिए रवाना हो जायेंगे। निसार सबसे पहले खबर में तब आये थे, जब दिल्ली स्टेट एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 100 और 200 मीटर स्प्रिंट प्रतियोगिता (तेज दौड़ प्रतियोगिता) में गोल्ड मेडल जीते थे। दो सितंबर को ज्यादातर लोग जब ईद मनाने में लगे हुए थे, तब निसार अहमद दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में किस्मत आजमा रहे थे। निसार की जीत इसलिए भी खास थी क्योंकि उन्होंने अंडर 16 ऑल इंडिया रिकॉर्ड को तोड़ा था। होनहार युवक निसार जब गोल्ड मेडल ले रहे थे, तब उनके पिता रिक्शा चलाने और मां घर के काम में जुटी थीं। ईद के दिन भाई को मिली इस सफलता की खबर सुनते ही बहन भावुक हो गई थी।
निसार ने कहा कि कैसे वह गरीबी से संघर्ष कर रहे हैं। निसार का परिवार दिल्ली के आज़ादपुर के रेलवे स्टेशन के बड़े बाग में रहता है। चार लोगों का परिवार एक कमरे में रहता है। पिता को आर्थिक सहारा मिल सके इसलिए मां दूसरे के घरों में काम करती है। निसार को एक अच्छा एथलीट बनाने के लिए उसका परिवार काफी संघर्ष कर रहा है। दिल्ली सरकार की तरफ से भी मदद करने की पेशकश की गई थी। निसार ने बताया कि राजनेताओं के तरफ से जो वादा किया गया था, वह पूरा नहीं किया गया। निसार ने बताया कि वह केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर से मिलना चाहता है। निसार ने बताया की नवंबर में वह कई नेशनल रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। निसार का कहना 7 नवंबर से लेकर 12 नवंबर के बीच भोपाल में हुए नेशनल स्कूल गेम में भी एक गोल्ड, दो सिल्वर और एक ब्रोंच मैडल जीत चुके हैं। 16 नवंबर से लेकर 20 नवंबर तक विजयवाड़ा में हुए नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में निसार ने 100 और 200 मीटर में नेशनल रिकॉर्ड तोडा। निसार ने बताया कि अब उन्होंने कॉमन वेल्थ गेम्स के लिए भी तैयारियां शुरू कर दी है।
निसार की इस सफलता तक पहुंचने के लिए उनके कोच सुनीता राय की जीतनी तारीफ की जाए कम है। तीन साल पहले निसार जब सुनीता रे से मिले थे तो निसार की स्थिति को देखते हुए सुनीता उन्हें फ्री में कोचिंग देने के लिए तैयार हो गई थी। कोच से सुनीता से ट्रेनिंग के बाद निसार आगे बढ़ते गए और मेडल जीतते चले गए।