नई दिल्ली,मोदी सरकार की इच्छानुसार अब भारतीय रिजर्व बैंक का फोकस अब चलन में छोटी वैल्यू वाले नोटों की संख्या बढ़ाना है। इसी दिशा में आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे एटीएम को 200 रुपये के नये नोटों के लिए तैयार करें। रिपोर्ट्स की मानें तो इस काम में बैंकों के 110 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बैंकों को देशभर में फैली 2.2 लाख से ज्यादा एटीएम को तैयार (रिकैलिबरेट) करना होगा। बैंकों को प्रति एटीएम 5000 रुपये खर्च करने होंगे। दरअसल आपके हाथों तक 200 रुपये का नया नोट पहुंचाने के लिए बैंकों को एटीएम में काफी बदलाव करना होगा। इस बदलाव का प्रमुख उद्देश्य200 रुपये के नये आकार के लिए इसे तैयार करना होगा। इसके लिए एटीएम में स्पेसर्स इंस्टॉल करने होंगे। अग्रेंजी अखबार ने एक बैंकर के हवाले से लिखा है कि इसमें 5 से 6 महीनों का समय लग सकता है। चलन में नोटों की संख्या नोटबंदी के बाद 95 फीसदी पर पहुंच गई है। चलन में छोटे नोटों की कमी को लेकर समीक्षक और लोग आलोचना भी कर चुके हैं। आरबीआई सिर्फ 200 रुपये के नोट नहीं,बल्कि 10 रुपये के नये नोट भी लाने की तैयारी कर रहा है। ऐसी खबर है कि आरबीआई ने 1 अरब 10 रुपये के नोट प्रिंट भी कर दिए हैं।
रिपोर्ट्स की मानें तो 10 रुपये का नया नोट ब्राउन चॉकलेटी रंग का होगा। इस नोट पर कोनार्क सन मंदिर का चित्र होगा। यह नोट महात्मा गांधी सीरीज के तहत लाया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल अगस्त में ही 50 और 200 रुपये के नये नोट इस सीरीज के तहत जारी किए थे। बात दे कि नोटबंदी के बाद से ही पीएम मोदी देश में छोटी वैल्यू की करेंसी प्रचलन में लाना चाहते हैं ताकि देश में भ्रष्ट्राचार को कम किया जा सके। इसीकारण मोदी सरकार छोटे नोट का प्रचलन बढ़ने में लगी हुई है।