तिरुअनंतपुरम,केरल के सबरीमाला के भगवान अयप्पा मंदिर प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने वाले त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) ने मंदिर में प्रवेश के लिए महिलाओं को अपना जन्म प्रमाणपत्र दिखाना जरूरी कर दिया है। इस मंदिर में 10 से 50 वर्ष उम्र तक की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। बोर्ड ने ऐसे समय में आयु प्रमाण-पत्र अनिवार्य करने का फैसला लिया है, जब यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है और महिला श्रद्धालु प्रतिबंध को तोड़ते हुए मंदिर में प्रवेश की कोशिश करती हैं। तीन महीने तक चलने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा का अंतिम चरण 14 जनवरी को मकराविलक्कु उत्सव के साथ खत्म होगा। महिलाओं के उस समूह को मंदिर में प्रवेश से रोका जाता है, जिन्हें माहवारी होती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान अयप्पा एक ‘नास्तिक ब्रह्मचारी’ थे। टीडीबी के अध्यक्ष ए.पद्मकुमार ने कहा कि सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए होने वाली जांच के दौरान आधार कार्ड समेत कोई भी वास्तविक प्रमाण स्वीकार किया जाएगा। मंदिर की इस प्रथा को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित है।
सबरीमाला में प्रवेश से पहले महिलाओं को दिखाना होगा जन्म का प्रमाण
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