भारत और म्‍यांमार के बीच भूमि सीमा पार के समझौते को कैबिनेट की मंजूरी

नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भूमि सीमा पार करने के संबंध में भारत और म्‍यांमार के बीच समझौते को मंजूरी दे दी है। इस समझौते से दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में आमतौर पर रह रहे लोगों की मुक्‍त आवाजाही से संबंधित मौजूदा अधिकारों के नियमन एवं उनमें सामंजस्‍य बैठाने में सहूलियत होगी। इससे वैध पासपोर्टों और वीजा के आधार पर लोगों की आवाजाही में भी सहूलियत होगी जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक एवं सामाजिक जुड़ाव बढ़ेगा। इस समझौते के तहत भारत–म्‍यांमार सीमा के पार लोगों की आवाजाही के लिए समुचित व्‍यवस्‍था की गई है। इससे भारत के पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के लोगों और म्‍यांमार की आम जनता के बीच संपर्क या कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने और आपसी मेलजोल बढ़ाने में मदद मिलने की आशा है। इस समझौते से पूर्वोत्‍तर भारत की अर्थव्‍यवस्‍था के विकास को नई गति मिलेगी और इसके साथ ही भारत को म्‍यांमार के साथ अपने भौगोलिक संपर्कों का लाभ उठाने में भी मदद मिलेगी जिससे आपसी व्‍यापार बढ़ेगा तथा दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी रिश्‍ते मजबूत होंगे। उधर,मंत्रिमंडल ने सूचना संचार प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और बेल्जियम के बीच सहमति-ज्ञापन को मंजूरी दी है। उल्लेखनीय है कि 7 नवम्बर 2017 को जब बेल्जियम के नरेश फिलिप भारत पधारे थे, तब इस सहमति-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये थे। सहमति-ज्ञापन के तहत सूचना संचार प्रोद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक नीति, सूचना संचार प्रोद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में निर्माण एवं सेवाओं के विकास पर विशेष बल देते हुए अनुसंधान तथा डिजिटल एजेंडा प्रौद्योगिकी, ई-शासन, ई-जनसेवा आपूर्ति, सम्मेलनों में भागीदारी, अध्ययन एवं विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, साइबर सुरक्षा, आंकड़ा उपयुक्तता के मुद्दों का निपटारा, बाजार पहुंच, कारोबार और सेवाओं के क्षेत्र में श्रेष्ठ व्यावहारों में भागीदारी की जाएगी। इधर,केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तेल एवं गैस क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और इजरायल के बीच सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किये जाने को मंजूरी दे दी है। इस एमओयू से ऊर्जा क्षेत्र में भारत एवं इजरायल के आपसी संबंधों को और मजबूती मिलने की आशा है। इस समझौते में उल्लिखित सहयोग से एक-दूसरे के देशों में निवेश, प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण, अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी), संयुक्‍त अध्‍ययन करने, मानव संसाधनों के क्षमता निर्माण और स्‍टार्ट-अप्‍स के क्षेत्र में गठबंधन करने में सहूलियत होगी।

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