नई दिल्ली, राज्यसभा में आज केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पेश किया। यह बिल पिछले हफ्ते लोकसभा में पास हो चुका है और मोदी सरकार के लिए राज्यसभा में इसे पास कराना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है क्योंकि उसके पास उच्च सदन में बहुमत नहीं है। कुछ देर तक पक्ष-विपक्ष के बीच बहस चली और हंगामा होने पर राज्यसभा की कार्यवाही बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हमें इस बात की बहुत तकलीफ है कि लोकसभा और राज्यसभा में एक साथ तीन तलाक विरोधी बिल पर कांग्रेस ने अलग-अलग रुख अपनाया है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लोकसभा में बिल पास होने के बाद तीन तलाक दिया जा रहा है। मुरादाबाद में एक महिला को दहेज की मांग न पूरी होने पर तीन तलाक दे दिया गया। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक बिल है। जस्टिस खेहर ने भी सदन से कानून पारित करने की अपील की थी।
– कांग्रेस ने संशोधन का रखा प्रस्ताव
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने संशोधन का प्रस्ताव रखते हुए बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की। उन्होंने सेलेक्ट कमेटी के लिए उपसभापति को विपक्षी पार्टियों के नाम भी दिए, जिनमें तीन कांग्रेस पार्टी से थे। वहीं शर्मा ने कहा कि सरकार अपने सदस्यों के नाम सुझाए। उनका कहना था कि सरकार पहले संशोधनों को स्वीकार करे और फिर बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजे। आनंद शर्मा द्वारा दिए गए नोटिस में सेलेक्ट कमिटी के सदस्यों के तौर पर 17 राज्यसभा सांसदों के नाम का प्रस्ताव दिया गया है।
– जेटली ने दिया जवाब
आनंद शर्मा के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि दूसरे सदन में आपने बिल का समर्थन किया था और इस सदन में आप बिल को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हो। वहीं संशोधन के प्रस्ताव पर जेटली ने कहा कि यह 24 घंटे पहले दिया जाना चाहिए था, मगर ऐसा नहीं हुआ। तीन तलाक बिल को लेकर राज्ससभा में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक घमासान की पहले से ही काफी चर्चा थी और कहा जा रहा था कि विपक्षी पार्टी इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने की मांग कर सकते हैं और वहीं हुआ। पहले यह बिल मंगलवार को ही राज्यसभा में पेश होना था, मगर विपक्षी पार्टियों में आम राय नहीं हो पाने के कारण सरकार ने आज पेश करने का फैसला किया। भाजपा इस बिल को राज्यसभा में पास कराने को लेकर विपक्षियों को मनाने में लगी हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के रणनीतिकार मंगलवार को दिन भर विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर सदन में विधेयक के पक्ष में आम राय बनाने की कोशिश करते रहे। सपा नेता मुलायम सिंह यादव, बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात कर विधेयक के पक्ष में मतदान करने का अनुरोध किया गया। सूत्रों के अनुसार ज्यादातर नेताओं ने हामी भरी। राज्यसभा के चेयरमैन एम. वेंकैया नायडू की बुलाई बिजनेस एडवायजरी कमेटी (बीएसी) में विपक्ष विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को सौंपने की मांग करता रहा। जबकि सत्तापक्ष के सदस्य विधेयक को पारित कराने का आग्रह करते रहे। सरकार ने कांग्रेस से खासतौर पर कहा कि वह किसी तरह के संशोधन पर अडि़यल रवैया न दिखाये। अगर यह बिल राज्यसभा में पास हो जाता है तो राष्ट्रपति की दस्तखत के बाद यह कानून बन जाएगा। सरकार इसके लिए पूरी कोशिश में लगी हुई है और अगर इसमें कामयाब रहती है तो इस साल की शुरुआत में ही बड़ी उपलब्धि उसके नाम हो जाएगी।
तीन तलाक पर सजा का बिल राज्यसभा में पेश, कांग्रेस की मांग सेलेक्ट कमेटी को भेजे बिल
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