आगरा,मंगलवार को नई दिल्ली में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एएसआई के अधिकारियों, पुलिस और पैरामिलिटरी अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि 20 जनवरी से रोजाना 40 हजार भारतीय टूरिस्ट ही ताजमहल का दीदार करेंगे। हालांकि विदेशी पर्यटकों के लिए कोई संख्या तय नहीं की गई है।
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ताजमहल देखने आने वाले लोगों की संख्या सीमित करने पर काफी समय से विचार किया जा रहा था। दर्शकों की संख्या कम करने से भगदड़ जैसी स्थिति से निपटने में भी आसानी होगी। फिलहाल ताजमहल देखने जाने वालों की कोई सीमा तय नहीं है। अधिकारियों ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को इस फैसले से अवगत करा दिया है। केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान में यह बात आई है।
इस बारे में अंतिम निर्णय एक या दो दिन में आ जाएगा। सूत्रों ने बताया कि 40 हजार की संख्या में बच्चों की भी गिनती की जाएगी। इसके लिए 15 साल से कम के बच्चों को ‘जीरो चार्ज’ टिकट भी दिया जाएगा। फिलहाल, 15 साल से बच्चों के लिए कोई टिकट नहीं लेना पड़ता है। इसके अलावा यह भी तय किया गया कि जो लोग पूरे ताजमहल के साथ मुख्य तहखाने को भी देखना चाहते हैं। उनके लिए 100 रुपये का टिकट होगा, वहीं जो लोग तहखाने को नहीं देखना चाहते उनके लिए 50 रुपये का टिकट होगा, जो फिलहाल 40 रुपये का है। सुबह से दोपहर 12 बजे तक 20 हजार लोग ताजमहल देख सकेंगे, वहीं दूसरी पाली में 12 बजे से शाम तक 20 हजार लोग ताज का दीदार करेंगे। वहीं विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट की कीमत एक हजार रुपये है। वहीं जो भारतीय 40 हजार की संख्या पार होने के बाद भी ताजमहल देखना चाहते हैं, वे एक हजार रुपये का टिकट खरीदकर ताजमहल देख सकते हैं। बताया जा रहा है कि पीक सीजन में ताजमहल देखने आने वालों की संख्या 60-70 हजार तक पार कर जाती है।