इन्दौर, ध्रुव शोरे (123* रन) की नाबाद शतकीय पारी और हिम्मत सिंह (66) के साथ पॉंचवें विकेट के लिए हुई 105 रनों की साझेदारी ने दिल्ली को विदर्भ के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के फाइनल के पहले दिन शुरूआती झटको से उबरते हुए सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा दिया। पहले दिन खेल समाप्ति तक दिल्ली ने 6 विकेट खोकर 271 रन बना लिए थे। शौर्य के साथ विकास मिश्रा 5 रन बनाकर खेल रहे थे।
होलकर स्टेडियम में विदर्भ के कप्तान फैज़ फज़ल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। विदर्भ के गेंदबाजों ने कप्तान के निर्णय को सहीं साबित करते हुए दोपहर लंच तक 37 ओवर में 89 रनों पर दिल्ली के तीन महत्वपूर्ण विकेट लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। रणजी में अपना पदार्पण मैच खेल रहे आदित्य ठाकरे ने पहले ही ओवर में कुणाल चंदेला (1) को स्लिप में मुस्तैद कप्तान फज़ल के हाथों पैवेलियन भेज दिल्ली को पहला झटका दिया। इसके बाद ध्रुव शौरे ने गंभीर के साथ स्कोर 30 रनों तक पहुंचा ही था कि अक्षय वाखरे ने दिल्ली के अनुभवी बल्लेबाज गौतम गंभीर (15) को क्लीन बोल्ड कर ताउम्र याद रखने वाली उपलब्धि हांसिल कर की, क्योंकि यह विकेट उनके प्रथम श्रेणी कॅरियर का 200वॉं विकेट भी था। गंभीर के जाने से दिल्ली को बड़ा झटका लगा, इसके बाद ध्रुव शौरे और नितेश राणा ने टीम संभालने का प्रयास किया और स्कोर 65 रनों तक पहुंचाया ही था, कि आदित्य ठाकरे ने नितेश राणा को पगबाधा कर दिल्ली को तीसरा झटका दे दिया। अब दिल्ली को बड़ा स्कोर देने की जिम्मेदारी कप्तान ऋषभ पंत और ध्रुव शौरे पर आ गयी और दोनों ने स्कोर को लंच तक 89 रनों तक पहुंचाया। लंच के वक्त पंत 16 और ध्रुव 33 रन बनाकर खेल रहे थे। लंच के बाद जैसे ही खेल शुरू हुआ कप्तान ऋषभ पंत अपने स्कोर में 5 रन और जोड़ सके और एक बार फिर से नाकाम साबित हुए। सेमीफायनल मैच के हीरो रहे तेज़ गेंदबाज रजनीश गुरबानी ने दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत का विकेट लेकर दिल्ली को बैकफुट पर ला दिया। विकेट के पीछे अक्षय वाडेकर ने उनका कैच पकड़ा और कप्तान पंत 36 गेंदों में 21 रन बनाकर पैवेलियन लौटे। इसके बाद ध्रुव शौरे का साथ देने आए हिम्मत सिंह ने डट कर विदर्भ के आक्रमण का सामना किया और पॉंचवें विकेट के लिए 105 रनों की साझेदारी कर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। ध्रुव जहां धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी कर रहे थे, वहीं स्पिनर आदित्य सरवटे की गेंदों पर उछाल कर शॉट खेलने में मस्त थे, उन्होंने इस दौरान लॉग आन और लॉग आफ पर छक्के जड़े, वहीं रजनीश गुरबानी के एक ओवर में तीन चौके ठोंके। लापरवाही भरे खेल के चलले वे विकेट के पीछे अक्षय के दस्तानों में जा बैठे और पैवेलियन की ओर निकल लिए। हिम्मत ने 72 गेंदों में 8 चौकों व 2 छक्कों की मदद से 66 रनों की पारी खेली। हिम्मत के जाते स्कोर बोर्ड पर 63 ओवर के खेल में दिल्ली के 5 विकेट खोकर 204 रन नज़र आ रहे थे। मनन शर्मा (13) को सुनील नेरल ने अपना शिकार बनाया, उनका कैच कप्तान फज़ल ने लपका। इसके बाद एक छोर संभाले ध्रुव ने अपना धैर्य नहीं खोया और 223 गेंदों में अपने कॅरियर का तीसरा शतक पूरा किया। ध्रुव शौरे ने इसके बाद विकास मिश्रा के साथ दिल्ली के विकेट बचाए रखे और पहले दिन खेल समाप्ति तक 88 ओवर के खेल में स्कोर को 271 रनों तक पहुंचाया। ध्रुव शौरे 255 गेंदों में 17 चौकों की मदद से 123 रन बनाकर खेल रहे थे। विकास मिश्रा 5 रन बनाकर क्रीज पर थे। उमेश यादव की जगह अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे आदित्य ठाकरे (21.1-3-65-2) और रजनीश गुरबानी (16.5-5-44-2) ने विदर्भ की ओर से दो-दो विकेट लिए। जबकि सिद्धेश नेराल (19-3-57-1) व अक्षर वखारे (16-5-34-1) को एक-एक सफलता मिली।
रणजी ट्रॉफी फाइनल पहले दिन ध्रुव शोरे का शानदार शतक दिल्ली ने बनाए 271 रन
