ल्हासा, तिब्बत के एक फिल्म निर्माता ने चीन से भागकर अमेरिका में शरण ली है। अपनी एक डाक्युमेंट्री के द्वारा तिब्बत में दमन की निंदा करने के कारण इस फिल्म निर्माता ने छह वर्ष जेल में गुजारे थे। फिल्मिंग फॉर तिब्बत नाम के एक समूह द्वारा दी जानकारी में बताया गया है कि इस समूह ने फिल्म निर्माता के काम के समर्थन में अभियान चलाया था। समूह के वेब पेज पर बताया गया कि फिल्म निर्माता ढोनदुप वांग्चेन (43) तिब्बत से बेहद जोखिम उठाते हुए सोमवार को सैन फ्रांसिस्को पहुंचे।
वहीं अमेरिका में अपनी पत्नी और बच्चों से मिलने से पहले फिल्म निर्माता ने कहा कि अब वह आजादी और सुरक्षा का आनंद ले रहे हैं।
वांग्चेन को ‘लीविंग फियर बिहाइंड’ नामक वृतचित्र बनाने के कारण मार्च 2008 में गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद उन्हें ‘विद्रोह भड़काने’ के आरोप में छह वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी। ‘लीविंग फियर बिहाइंड’ को 2012 में अन्तर्राष्ट्रीय प्रेस फ्रीडम पुरस्कार से नवाजा गया था। वांग्चेन के समर्थक संगठन फिल्मिंग फॉर तिब्बत के अनुसार वांग्चेन को जेल में हेपेटाइटस बी हो गया था। ‘लीविंग फियर बिहाइंड’ में उनके मुख्य सहायक गोलोक जिग्मे को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। वांग्चेन ने अपनी सजा किंघाई प्रांत की राजधानी शीनिंग में जून 2014 में पूरी कर ली थी, लेकिन इसके बाद सरकार उनकी हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखने लगी। अमेरिका ने 2012 में उनकी पत्नी और बच्चों को राजनीतिक शरण दे दी जबकि इसके दो वर्ष बाद गोलोक जिग्मे भागकर भारत के धर्मशाला चले गए जहां तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का निवास स्थान है।