नई दिल्ली,संसद में गुरुवार को ट्रिपल तलाक पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल पेश कर दिया है।कांग्रेस ने बिल का समर्थन करने का एलान किया है,उसका कहना है वह अपनी और से कोई संसोधन पेश नहीं करेगी अलबत्ता अपने सुझाव जरूर चर्चा के दौरान देगी.
इधर, मुस्लिम समाज की सदियों पुरानी इस प्रथा पर प्रतिबंध लगवाने के लिए कई महिलाएं सामने आई थीं। इनमें से एक शायरा बानो हैं, जिन्होंने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना है कि वह महिलाओं के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगी।
बकौल शायरा बानो, ट्रिपल तलाक के बाद मुझे लगता है कि बहुविवाह, हलाला जैसी प्रथाएं भी हमारे समाज में प्रतिबंधित होनी चाहिए। इनके नाम पर महिलाओं के साथ जिस तरह से अत्याचार होता है, वह बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह एक बार फिर बहुविवाह और हलाला पर प्रतिबंध लगवाने के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर करेंगी। वह मुस्लिम समाज में मौजूद कुप्रथाओं के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगी। उन्होंने कहा, ट्रिपल तलाक की तरह मैं बहुविवाह और हलाला पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी लड़ूंगी। इस तरह की प्रथाएं हमारे देश के विकास के लिए समाज से खत्म होनी चाहिए।
गौरतलब है कि शायरा बानो द्वारा पिछले साल फरवरी में ट्रिपल तलाक, बहुविवाह और हलाला पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किए जाने के बाद उनके पति ने उन्हें तलाक दे दिया था। इसके बाद देश भर में हजारों की संख्या में मुस्लिम महिलाएं सामने आ गईं और ट्रिपल तलाक को खत्म करने की मांग करने लगीं। उधर,विधेयक पेश करते रविशंकर प्रसाद ने कहा कि गुरुवार का दिन ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हम मुस्लिम बहनों के हितों की रक्षा करने के लिए विधेयक पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हम इतिहास बना रहे हैं। जो आपत्तियां आई हैं उन पर मैं कहना चाहता हूँ कि यह कोई पूजा या प्रार्थना का नहीं बल्कि नारी को न्याय और नारी की गरिमा का है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक विरोधी कानून बनाने को कहा था यदि उसके बाद भी हम ध्यान नहीं दें और मुस्लिम महिलाओं को सड़क पर छोड़ दिया जाये तो क्या यह सदन देखता रहेगा। उन्होंने कहा कि आज सदन को यह तय करना है कि तीन तलाक पीड़ित महिलाओं के हितों की यह सदन रक्षा करेगा या नहीं।गुरुवार को सदन को संबोधित करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि यह पूछा जा रहा है कि इस अपराध क्यों बनाया जा रहा है तो मैं कहना चाहता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से तीन तलाक को पाप बताये जाने पर भी यह सिलसिला बदस्तूर जारी था। इसी दौरान सदन में विधेयक को पेश करने पर आपत्ति जताते हुए सांसद असद्दुदीन ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है।उन्होंने कहा कि यदि यह विधेयक पास हुआ तो मुस्लिम महिलाओं के भी अधिकारों का हनन होगा। वहीं दूसरी ओर लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने भी विधेयक पर आपत्ति जताते हुए इसमें मौजूद सजा के प्रावधान का विरोध किया। बीजू जनता दल ने विधेयक में कई खामियां बनाई हैं और आल इंडिया मुस्लिम लीग ने भी विधेयक का विरोध किया है।