अंततः राजपूतों का डर काम आया केंद्र ने आनंदपाल एनकाउंटर की जांच सीबीआई को सौंपने का फरमान सुनाया

जयपुर, केंद्र सरकार ने राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की जुलाई में कथित मुठभेड़ में मारे जाने की जांच सीबीआई से कराने को मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार ने गृह मंत्रालय को सूचित किया है कि मामला सीबीआई को सौंपा जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई जांच की मंजूरी दिए जाने के बाद राज्य सरकार ने राहत की सांस ली है। सरकार ने 24 जुलाई को एक पत्र लिखकर सीबीआई जांच का आग्रह किया था। हालांकि, सीबीआई ने 15 नवंबर को सबूतों की कमी का हवाला देते हुए खारिज कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने फिर से 17 दिसंबर को केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग नहीं माने जाने पर राजपूतों में असंतोष बढ़ने की बात कही थी। पत्र में चेताया गया था कि सीबीआई जांच का आदेश नहीं देने से कानून-व्यवस्था की स्थिति बदतर हो सकती है। आनंदपाल सिंह चुरु जिले के मालसर गांव में 24 जून को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। उसके परिवार के सदस्यों ने मुठभेड़ की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाए हैं और दावा किया है कि वह समर्पण करना चाहता था फिर भी उसे मार दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने अपने बचाव में कहा था कि उसे कई बार समर्पण करने को कहा गया, लेकिन उसने पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। राजस्थान के प्रभावी राजपूत समुदाय ने उसके मारे जाने पर बड़े स्तर पर प्रदर्शन व सड़क को जाम कर दिया था। बताते चलें कि आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर पर सवाल उठाने वाले लोग उसे रॉबिनहुड मानते हैं। जबकि पुलिस रिक़ॉर्ड में वह इतना कुख्यात गैंगस्टर था कि अदालत को भी एक नहीं छह बार उसे भगोड़ा घोषित करना पड़ा। एनकाउंटर से करीब डेढ़ साल पहले वह जेल से फरार हो गया था।

 

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