UP में फिर शुरू हुई पुलिस प्रमुख की खोज,31 को रिटायर हो रहे हैं सुलखान सिंह

लखनऊ, उप्र पुलिस के सर्वोच्च पद यानि पुलिस महानिदेषक (डीजीपी) पद पर तैनाती को लेकर एक बार फिर कुर्सी दौड़ शुरू हो गयी है। वर्तमान में सूबे के डीजीपी सुलखान सिंह का 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। हालांकि वे सेवानिवृत्त पहले ही हो चुके थे लेकिन उन्हें छह माह का सेवा विस्तार मिल गया था। अब यह अवधि भी 31 दिसम्बर को समाप्त हो रही है। सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि इस बार भी उन्हें फिर से सेवा विस्तार मिल सकता है। वहीं दूसरी ओर इस सर्वोच्च पद के अन्य दावेदार भी इसे हासिल करने के लिए ‘गणेष परिक्रमा’ में जुट गए हैं।
सूबे के वर्तमान डीजीपी सुलखान सिंह की संभावित विदाई के बाद इस पद की दौड़ में 1982 से लेकर 1987 बैच तक के कई डीजी के नाम शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक उच्च स्तर पर इस बात को लेकर मंथन हो रहा है कि कौन अफसर प्रदेश की कानून-व्यवस्था और आपराधिक चुनौतियों का मुकाबला प्रभावी ढंग से कर सकता है। सुलखान सिंह ने इसी वर्ष 21 अप्रैल को डीजीपी का कार्यभार संभाला था। वरिष्ठता क्रम में 1982 बैच के डीजी अग्निशमन प्रवीण सिंह और डीजी होमगार्ड डॉ. सूर्य कुमार शुक्ल हैं। सपा शासनकाल में दोनों डीजी प्रदेश पुलिस का मुखिया बनने से रह गए थे। दोनों ही अफसर वर्ष 2018 में ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वहीं केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी डीजी एसएसबी रजनीकांत मिश्र का नाम भी लिया जा रहा है। वहीं 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी डीजी अभिसूचना भवेश कुमार सिंह का नाम भी नए डीजीपी के तौर पर चर्चा में है। उधर, 1983 बैच के राजीव राय भटनागर और ओमप्रकाश सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। इन दोनों की भी प्रदेश की कमान संभालने की इच्छा है, जबकि 1985 बैच के हितेष चंद्र अवस्थी डीजी सतर्कता, गिरीश प्रसाद शर्मा डीजी सीबीसीआईडी भी रेस में हैं। 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रमोद कुमार तिवारी, जवाहर लाल त्रिपाठी, सुजानवीर सिंह, नासिर कमाल और महेंद्र मोदी के नाम भी चर्चा में शामिल हैं।

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