उप्र में संरक्षण और सम्प्रेषण गृहों पर बायोमैट्रिक से दर्ज होगी उपस्थिति

लखनऊ,प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण, मातृ-शिशु कल्याण मंत्री प्रो रीता बहुगुणा जोशी ने आज स्वैच्छिक संगठनों द्वारा संचालित संरक्षण गृहों तथा राजकीय संप्रेक्षण गृहों में शौचालयों को स्वच्छ और प्रयोग करने लायक रखने का आदेश दिया। उन्होंने दत्तक ग्रहण इकाइयों द्वारा बच्चा गोद देने की प्रक्रिया में अनावश्यक विलम्ब पर भी सख्त कार्यवाही के लिए कहा। प्रो जोशी ने प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग से कहा की डी0पी0ओ0 (जिला कार्यक्रम अधिकारी) तथा सी0डी0पी0ओ0 (बाल विकास परियोजना अधिकारी) के कार्यों के आधार पर उनकी परफार्मेंस रिर्पोट तैयार की जाये तथा प्रत्येक तीन माह पर इसकी समीक्षा की जाये। उन्होंने संरक्षण गृहों पर बायोमैट्रिक उपस्थिति तथा सी0सी0टी0वी0 कैमरा लगाने एवं जिले की दत्तक ग्रहण इकाइयों एवं संरक्षण तथा संप्रेक्षण गृहों की व्यवस्था की मासिक समीक्षा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कराये जाने के भी आदेश दिये। महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रो रीता बहुगुणा जोशी आज बापूभवन स्थित सभाकक्ष में महिला कल्याण विभाग के जिला एवं प्रदेश स्तर के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रही थीं।
बैठक में सम्प्रेक्षण गृहों तथा संरक्षण गृहों की व्यवस्था की समीक्षा करते हुए प्रो0 जोशी ने शौचालयों की व्यवस्था और साफ-सफाई दुरस्त करने का निर्देश देते हुए कहा कि डी0पी0ओ0 स्वयं सप्ताह में निरीक्षण कर समस्त व्यवस्थाओं की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि डी0पी0ओ0 तथा सी0डी0पी0ओ0 संरक्षण गृहों पर बाल कल्याण समिति तथा जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड के सदस्यों की बायोमैट्रिक उपस्थिति की हार्ड काॅपी रिकार्ड रखेंगे तथा उनका मानदेय भुगतान हेतु इस उपस्थिति को प्रमाण स्वरूप आवश्यक रूप से प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने उपस्थिति रिकार्डिंग हेतु सी0सी0टी0वी0 कैमरा लगाने का भी निर्देश दिया। बैठक में मंत्री श्रीमती रीता जोशी ने बाल कल्याण समितियों की कार्य प्रणाली की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा जिन जिलों में ये समितियां अथवा उनके सदस्य ठीक से कार्य न कर रहे हों उनकी गोपनीय रिपोर्ट जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित की जाये।

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