जयपुर,अलवर लोकसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अधिकृत प्रतयाशी की घोषणा करने में बाजी मार ली है राजनीतिक ध्रुवीकरण के तहत अहीरवाल की निर्णायक भूमिका को आंकते हुए कांग्रेस ने डॉ. करणसिंह यादव को प्रत्याशी घोषित कर प्रतिद्वंद्वी सत्ताधारी भाजपा में हलचल मचा दी है। संसदीय क्षेत्र में अनुसूचित जाति के करीब 6.5 लाख मतदाता और मेव मुस्लिम मुस्लिम समुदाय के करीब 2.5 लाख मतदाता भी इस उपचुनाव में अपनी अहम भूमिका निभायेंगे।
भाजपा अब यदि इसी जाति वर्ग के व्यक्ति को प्रत्यााी बनाती है तो यादव मतों का विभाजन होने से नुकसान की आशंका बनी रहेगी। भाजपा की ओर से श्रम मंत्री डॉ. जसवंत यादव को प्रत्याशी बनाए जाने की अटकले लगाई जा रही थी उस स्थिति में कांग्रेस को पूर्व सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह या उनकी पत्नी अम्बिका सिंह को प्रत्याशी बनाने पर विचार करना होता लेकिन कांग्रेस ने प्रत्याशी के रूप में डॉ. करण सिंह को उतारकर भाजपा को गैर यादव प्रत्याशी के चयन करने के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है। भाजपा के पूर्व जिलाअध्यक्ष संजय शर्मा का नाम अब प्रमुखता से उभरकर आया है। वैसे तो भाजपा ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के जनसंवाद कार्यक्रमो के जरिए उपचुनाव में जीत के लिए तैयारियां कर रखी है लेकिन चुनावी तिथि की घोषणा और पार्टी प्रत्याशी की घोषणा नहीं होने से अभी चुनाव प्रचार परवान नहीं चढ सका लेकिन कांग्रेस अपना प्रत्याशी घोषित होते ही चुनाव प्रचार में उतर गई है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी और कार्येकर्ता अपना अपना बूथ अपना गौरव कार्यक्रमो के माध्यम से जनसम्पर्क करते हुए पार्टी की रीति नीतियों के प्रचार प्रसार में जुटे हुए है और कांग्रेस राइज कैम्पेन को सभी वर्गो से समर्थन मिलने लगा है। खुद प्रत्याशी डॉ. करण सिंह यादव अहीरवाल क्षेत्र में जी जान से चुनाव प्रचार में जुट गए है। वहीं अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावो में अलवर से कांग्रेस को 10 बार और याद समाज से सम्बन्धित प्रत्याशियों को 7 बार सफलता मिली है। भाजपा को गैर यादव प्रत्याशी खडा करने पर सर्व समाजों का जन समर्थन पाने की योग्यता रखने वाले व्यक्ति को चुनना होगा। यादव मतों की निर्णायक भूमिका होने के बावजूद अलवर लोकसभा क्षेत्र में गैर यादव प्रत्याशियों को भी 9 बार सफलता मिली है।