जमीं पर आए ईसा मसीह, चर्चों में गूंजे गीत,संसार के उद्धार को जन्मे यीशू

भोपाल,यीशू के जन्म को लेकर पूरा शहर जश्न में डूबा नजर आया। शहर के सभी गिरजाघरों को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया था। ईसाई समाज के घर अठखेलियां करती रोशनी से जगमगा रहे थे। घरों में सजी गोशाला की झांकियां लोगों को मंत्रमुग्ध करती रही। रविवार रात 11 बजे से शहर के सभी चर्चो में कैरल्स का दौर शुरू हो गया। भक्तों ने प्रभु के स्वागत में गीतों को प्रस्तुत कर वातावरण भक्तिमय कर दिया। रात 12 बजते ही प्रभु यीशू ने गोशाला में जन्म लिया। उनके जन्म के साथ ही गिरजाघरों में उनके स्वागत के लिए प्रार्थना का दौर शुरू हो गया।
चर्चो में हुई केक कटिंग सेरेमनी
गिरजाघरों में प्रभु यीशू के जन्म के बाद विशेष प्रार्थना हुई और बधाई का सिलसिला शुरू हुआ। इसके बाद चर्च में ही केक कटिंग सेरेमनी संपन्न कराई गई, जिसमें सभी ने मुंह मीठा कर एक दूसरे को प्रभु जन्म की बधाईयां दीं। यह मौका ईसाई समाज के लिए बेहद खास होता है। इसलिए प्रभु के जन्म के साथ प्रार्थना की जाती है, क्योंकि प्रभु ने मानव जीवन के कल्याण के लिए जन्म लिया है।
प्रभु यीशु के अवतरण पर गिरजाघरों में गूंजी बधाई
पवित्र रात में प्रभु यीशु के अवतरण लेते ही गिरिजाघरों में बधाइयां गूंज उठी। रात 12 बजते ही चर्च में यीशु ने जन्म लिया। जन्म लेते ही चर्चों में हैपी क्रिसम, मेरी क्रिसम की आवाज गूंज उठी। महानगर के प्रमुख चर्चों में केक काटा गया। मसीही समाज के लोगों ने एक दूसरे को गले लग कर बधाई दी। प्रभु यीशु के आगमन पर मसीही समाज के लोगों ने कैरल गाए।
क्रिसमस के अवसर पर चर्चों को भव्य तरीके से सजाया गया। गिरिजाघर दूधिया रोशनी में नहाए हुए थे। दिन में गिरजा घरों में प्रार्थना सभाएं हुई, जिसमें मसीही समाज के लोगों ने हिस्सा लिया। 12 बजते की प्रभु यीशु के अवतरण होने की सूचना जैसे ही चर्च के फादर ने दी तो लोग खुशियों से उछल पड़े। गिरिजाघर में बधाइयों का दौर शुरू हो गया।

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