इस्लामाबाद, जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की सोमवार को मां और पत्नी से मुलाकात हुई। मुलाकात 47 मिनट चली। मुलाकात के वक्त सब कुछ ठीक नहीं रहा। जाधव और उनकी पत्नी-मां के बीच एक कांच की दीवार थी। जाधव के सामने एक फोन था, जिसका स्पीकर खोलकर बातचीत कराई गई। कुछ दूरी पर भारतीय राजनयिक जेपी. सिंह थे। उनके सामने भी कांच की दीवार थी। यानी वह उस बातचीत को नहीं सुन सकते थे, जो जाधव और उनकी पत्नी-मां के बीच हुई। बता दें कि जाधव भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अफसर हैं। पाक का दावा है कि जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अशांति फैलाने और जासूसी करने के आरोप में उन्हें फांसी की सजा सुनाई है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय अदालत ने उनकी फांसी पर रोक लगा रखी है। जाधव जो बोल रहे थे, वह एक स्पीकर फोन के जरिए रिकॉर्ड किया जा रहा था। फोन की आवाज कांच के दूसरी तरफ जाधव की मां और पत्नी तक पहुंचती थी। मुलाकात के दौरान पाकिस्तान की महिला राजनयिक फराह बुगती भी मौजूद थीं। मुलाकात को पाकिस्तान ने तीन टीवी कैमरों से रिकॉर्ड किया, दो सीसीटीवी कैमरे भी वहां लगे थे। उम्मीद थी कि पाकिस्तान जाधव को उनकी पत्नी और मां से आराम से मिलने देगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। हालांकि पाकिस्तान ने दोनों को भारत की शर्तों पर वीजा दिया था। भारत की एक शर्त तो यही थी कि कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी को पाकिस्तान में पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए, उनसे किसी भी तरह की पूछताछ नहीं की जा सकती। पाकिस्तान के सामने दूसरी यह शर्त यह थी कि जाधव के परिवार को मीडिया के सामने न आने दिया जाए। पाकिस्तान ने इन सभी शर्तों को मान लिया था, लेकिन मुलाकात बिलकुल अगल ढंग से कराई गई। इसके बाद जानकारों ने कहा है कि पाकिस्तान ने जाधव की पत्नी और मां को मुलाकात की अनुमति केवल वैश्विक आलोचनाओं से बचने के लिए दी।