उज्जैन, नए साल 2018 में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की चाल दुनिया के खगोल प्रेमियों को दो पूर्ण चंद्रग्रहणों और तीन आंशिक सूर्यग्रहणों के पांच रोमांचक दृश्य दिखाएगी। हालांकि, भारत में इनमें से केवल दो खगोलीय घटनाओं के नजर आने की उम्मीद है।उज्जैन की प्रतिष्ठित शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डा. राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने आज बताया कि आगामी वर्ष में ग्रहणों की अछ्वुत खगोलीय घटनाओं का सिलसिला 31 जनवरी को लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण से शुरू होगा। नववर्ष का यह पहला ग्रहण भारत के साथ एशिया के कुछ अन्य देशों, दक्षिण अमेरिका, रूस और पूर्वी यूरोप में दिखाई देगा।
गुप्त ने भारतीय सन्दर्भ में की गई कालगणना के हवाले से बताया कि वर्ष 2018 में 15 और 16 फरवरी की दरम्यानी रात आंशिक सूर्यग्रहण लगेगा। हालांकि, सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की लुका-छिपी के इस दिलचस्प वाकये को भारत में नहीं निहारा जा सकेगा, क्योंकि ग्रहण के वक्त देश में पौ ही नहीं फटी होगी। इस खगोलीय घटना को अंटार्किटका, दक्षिणी अमेरिका के दक्षिणी हिस्सों और दुनिया के कुछ अन्य इलाकों में देखा जा सकेगा। तकरीबन दो सदी पुरानी वेधशाला के अधीक्षक ने बताया कि आगामी 13 जुलाई को लगने वाला आंशिक सूर्यग्रहण भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा। ग्रहण का यह दृश्य अंटार्किटका, तस्मानिया और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी भाग में नजर आने की उम्मीद है।