हिमाचल में सीएम पद के लिए घमासान, धूमल और जयराम के समर्थक भिड़े,दिल्ली से तय होगा CM का नाम

शिमला, हिमाचल प्रदेश में भाजपा को मुख्यमंत्री का नाम तय करने में पसीना आ रहा है। पूर्ण बहुमत के साथ जीतकर आई बीजेपी सीएम पद को लेकर फंस गई है। पार्टी ने निर्मला सीतारमण और नरेंद्र तोमर को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है लेकिन गुरुवार को बीजेपी पर्यवेक्षकों के संग हुई बैठक बेनतीजा रही। प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर के समर्थकों में जमकर नारेबाजी और शक्ति प्रदर्शन हुआ। दिल्ली से आए बीजेपी पर्यवेक्षकों केंद्रीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री पद के दावेदारों और पार्टी पदाधिकारियों के बीच गुरुवार 21 दिसंबर की शाम को शिमला में हुई बैठक बेनतीजा रही। इस सिलसिले में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की शुक्रवार 22 दिसंबर को भी बीजेपी सांसदों और विधायकों के साथ फिर बैठक हो रही है। सूत्रों के मुताबिक पर्यवेक्षकों ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल,सिराज के विधायक जयराम ठाकुर,शिमला शहरी क्षेत्र के विधायक सुरेश भारद्वाज,पार्टी अध्यक्ष सतपाल सत्ती और नाहन के विधायक डॉक्टर राजीव बिंदल से बातचीत की।इसके बाद पर्यवेक्षकों की सांसदों के साथ-साथ एक एक कर बैठक भी हो रही है लेकिन खबर है कि पार्टी सांसद और धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर मीटिंग में नहीं पहुंचे हैं।शुक्रवार को शिमला में निर्मला सीतारमण और नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में बीजेपी कोर कमेटी की बैठक के दौरान भी बाहर प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर के समर्थकों की नारेबाजी जारी रही। ये जाहिर है कि प्रेम कुमार धूमल और उनके समर्थकों ने अभी दल के सामने झुकने वाले नहीं हैं। धूमल से जब यह पूछा गया कि क्या वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं तो उनका जवाब था कि उन्होंने आज तक मुख्यमंत्री पद के लिए दौड़ नहीं है।
साफ है भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री पद को लेकर तीन खेमों में बंटी हुई है। हिमाचल में एक तरफ केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री जगत प्रकाश नड्डा का खेमा,दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का खेमा और अब जयराम ठाकुर का खेमा भी इस दौड़ में शामिल हो गया है। कुल मिलाकर केंद्रीय पर्यवेक्षक मुख्यमंत्री के नाम पर एक राय नहीं बना पाए और अब गेंद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व यानी पार्लियामेंट्री बोर्ड के पाले में है। इसका मतलब है कि हिमाचल के मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा दिल्ली से होगी। हालांकि चुनाव हारने के बाद प्रेम कुमार धूमल की दावेदारी कमजोर पड़ी है,लेकिन उनके समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं। इसलिए तीन विधायकों ने उनके लिए अपनी सीट छोड़ने की घोषणा भी की है। केंद्रीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश के विधायकों की राय जानने शिमला आई हैं और मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला पार्टी का पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा।

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