जबलपुर, मध्यप्रदेश के सबसे बड़े व्यापमं घोटाले में फंसे सुरेश विजयवर्गीय की जमानत याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। सुरेश ने कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ याचिका लगाई थी। गौरतलब है कि सुरेश विजयवर्गीय पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन है। इसके पहले भी कोर्ट विजयवर्गीय की अग्रिम जमानत की अर्जी नामंजूर कर चुका है। पिछले महीने ही पीएमटी-2012 फर्जीवाड़े मामले में सीबीआई ने पीपुल्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश एस विजयवर्गीय को परीक्षा में गड़बड़ी के आधार पर आरोपी बनाया गया था। विजयवर्गीय ने सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट को चुनौती दी थी। जिस पर गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। इस मामले में चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस विजयकुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की थी। सुरेश की तरफ से नई दिल्ली से आए वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाड़े और जबलपुर के अधिवक्ता अमलपुष्प श्रोती ने अपना पक्ष रखा था। सुरेश विजयवर्गीय ने अग्रिम जमानत के स्थान पर 482 की अर्जी के जरिए विशेष कोर्ट के आदेश को निरस्त करने की मांग पर बल दिया। जमानत अर्जी पर बहस पूरी होने के बाद सोमवार को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी।
यह है मामला
पीएमटी-2012 मामले में सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट में 592 आरोपियों के खिलाफ 1500 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी। जांच एजेंसी ने पीपुल्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश एन. विजयवर्गीय, चिरायु के डॉ. अजय गोयनका, एलएन मेडिकल के जयनारायण चौकसे और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के सुरेश भदौरिया समेत 245 नए चेहरों को आरोपी बनाया था। सभी को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किए गए थे। विजयवर्गीय समेत 20 लोगों की ओर से अग्रिम जमानत अर्जी लगाई गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इससे पहले कोर्ट ने हाजिर 15 आरोपियों को जमानत दे दी। गैरहाजिर 200 के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है।