नई दिल्ली,पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा किये हैं। इससे पहले सचिन गुरुवार को विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा में अपना पहला भाषण नहीं दे पाये थे। सचिन ने फेसबुक पर यह भाषण जारी करते हुए देश में खेल और उसके भविष्य को लेकर अपने विचार रखे। सचिन ने युवाओं को खेल को करियर बनाने की सलाह देते हुए कहा, इन दिनों हमारे फिटनेस के सेशन लाइट और खाने-पीने के सेशन हैवी होते जा रहे है, इस स्थिति को बदलना होगा। सचिन ने कहा कि हमें भारत को स्पोर्ट्स लविंग नेशन के बजाय स्पोर्ट्स प्लेइंग नेशन में बदलना होगा। इसके लिए जरूरी है कि युवा बढ़-चढ़कर खेल में भागीदारी करें।
अपने संबोधन में सचिन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर लाने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना का लाभ देने का आग्रह केंद्र सरकार से किया है। उन्होंने इस बारे में हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद का जिक्र किया जिन्हें अपने अंतिम दिनों में बीमारी के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। सचिन ने कहा कि हमें इस बारे में सोचना होगा कि देश के स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतकर उपलब्धियां हासिल करने वाले खिलाड़ियों को क्या हमने पर्याप्त सम्मान दिया है। अपने भाषण की शुरुआत करते हुए सचिन ने कहा कि कुछ ऐसी बातें हैं जो मैं कल आप तक पहुंचाना चाहता था। आज वहीं कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि क्रिकेट ने मुझे कई सुनहरी यादें दी हैं। अपने स्वर्गीय पिता रमेश तेंदुलकर का जिक्र करते हुए सचिन ने बताया कि उन्होंने मुझे अपनी मनमर्जी के हिसाब से करियर चुनने की आजादी दी।
सचिन ने कहा कि मैं फिटनेस और खेल पर बोलूंगा मेरा विजन है- फिट और हेल्दी इंडिया। देश में साढ़े सात करोड़ लोग मधुमेह के शिकार हैं। मोटापे की समस्या भी देश में काफी बढ़ी है। ऐसी बीमारियों के कारण देश का काफी पैसा स्वास्थ्य सुविधाओं में खर्च होता है। हम इसे नीचे ला सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि हमारी सेहत ठीक रहे। हम फिट रहें और खेल खेलें।
नार्थ-ईस्ट राज्यों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इन राज्यों की आबादी, दूसरे राज्यों की तुलना में कम है लेकिन देश के खेलों में उनकी अच्छी खासी भागीदारी है।खेल में उम्र कोई सीमा नहीं है। देश में मैराथन दोड़ने वाले सबसे बुजुर्ग परमरेश्वरन 100 के हैं। स्मार्ट सिटी के साथ हमें स्मार्ट स्पोर्ट सिटी बनानी चाहिए।