लखनऊ,अवैध खनन रोकने के नाम पर किसानों के हो रहे उत्पीडन पर विपक्ष ने शुक्रवार को विधानसभा में सरकार को जमकर घेरा। लेकिन सरकार ने विपक्ष के सारे तर्कों और आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर समाजवादी पार्टी व कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर विरोध दर्ज कराया। वहीं सत्ता पक्ष यानि भारतीय जनता पार्टी के भी एक सदस्य ने विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि अपने ही खेत से मिट्टी लेकर जाने वालों का पुलिस उत्पीड़न कर रही है।
सपा के पारसनाथ यादव ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुददा उठाया। अभी बालू, मोरंग और गिट्टी को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तर्क-कुतर्क चल ही रहा था कि सपा के नरेन्द्र सिंह वर्मा, नेता प्रतिपक्ष सपा के ही राम गोविन्द चैधरी और कांग्रेस के नेता अजय कुमार लल्लू ने अवैध खनन के नाम पर अपने ही खेतों से मिट्टी लेकर जाने वाले किसानों के हो रहे रहे उत्पीड़न का मामला उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मिट्टी ले जाने पर पुलिस किसानों को बंद कर दी रही है। किसान अपने लिए ही मिट्टी ले जाता है। ऐसे में सरकार किसानों पर प्रतिबंध लगा रही है और पुलिस उनसे उगाही कर रही है। इसी दौरान बसपा के लालजी वर्मा ने अम्बेडकर नगर जिले में पुलिस द्वारा की उगाही की जानकारी सदन को दी। वहीं सरकार की ओर से उत्तर देते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सरकार ने अप्रैल-मई माह में खनन की नयी नीति बनायी थी। यह छह माह के लिए अल्पकालिक योजना था। उन्होंने बताया कि इस साल नवम्बर माह तक 424 करोड़ 71 लाख रूपए का राजस्व मिला है जबकि इसी अवधि में गत वर्ष मात्र 47 करोड़ 71 लाख रूपए का राजस्व मिला था। उन्होंने कहा कि बालू, मोरंग बाजार में आसानी से सुलभ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीती दो नवम्बर को एक शासनादेष जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि किसान एक कैलेण्डर वर्ष में दस ट्राली मिट्टी अपने निजी काम से अपने ही खेत से ले जा सकेगा। इसके लिए उसे सिर्फ सूचना देनी होगी। इसके अतिरिक्त के लिए सरकार ने 30 रूपए प्रति क्यूबिक मीटर की रायल्टी तय की है। उन्होंने बताया कि एक ट्राली में करीब तीन क्यूबिक मीटर मिट्टी आती है ऐसे में तब 90 रूपए प्रति ट्राली रायल्टी जमा करनी होगी। सरकार के इस उत्तर से असंतुष्ट होकर सपा और कांग्रेस सदस्यों ने बहिर्गमन कर विरोध दर्ज कराया।
इसी दौरान सत्तापक्ष के सदस्य सुरेन्द्र सिंह ने विपक्ष के आरोपों को सही करार देते हुए कहा कि पुलिस किसानों का उत्पीड़न कर रही है और उनसे अवैध उगाही भी कर रही है। उन्होंने कहा कि भले ही सत्तापक्ष के और सदस्य न कहंे लेकिन गांवों में स्थिति ऐसी ही है। उनके इस बागी तेवर पर विपक्षी सदस्यों ने मेजें थपथपाकर उन्हें साधुवाद दिया। वहीं सत्तापक्ष के सदस्य अपने सहयोगी के तेवर देख अवाक रह गए। वहीं विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि गांव के लोगों को कोई अधिकारी या पुलिस परेशान ना करें, ऐसा सुनिश्चित कराया जाना चाहिए।
अवैध खनन और किसानों के उत्पीड़न पर भड़का विपक्ष, सपा-कांग्रेस का बहिर्गमन
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