शाजापुर, आध्यात्मिक गुरु सुधांशु जी महाराज ने बुधवार को बेहद गोपनीय तरीके से शाजापुर कोर्ट में पेश होकर उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए और 5 मिनट बाद ही कार में बैठकर रवाना हो गए। उनके आने की खबर सिर्फ मामले से जुड़े अभिभाषक व संबंधित लोगों को ही थी। कोर्ट ने साक्ष्य पेशी पर 2 फरवरी-18 को पुनः आने के आदेश दिए हैं। ऐसे में महाराज समेत मामले से जुड़े सभी 9 लोगों को फिर आना होगा। मानसिंगका चेरिटीज द्वारा जिले के मक्सी में संचालित मुरलीधर कृपा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के चेयरमैन एमपी मानसिंगका ने वर्ष 2010 में शाजापुर कोर्ट में सुधांशु महाराज और उनके ट्रस्ट विश्व जागृति मिशन के खिलाफ परिवाद लगाया था। जिसमें फर्जी रसीदों के जरिए लाखों रुपए का दान लेने का आरोप लगाया था। महाराज पर आरोप है कि उन्होंने मानसिंगका को धोखा देते हुए 53 लाख रुपए अपने संस्थान जनजागृति मिशन के खाते में जमा करवा लिए।
मालूम हो कि मक्सी निवासी एमपी मानसिंगका ने वर्ष 2010 में शाजापुर कोर्ट में सुधांशु महाराज और उनके ट्रस्ट विश्व जागृति मिशन के खिलाफ परिवाद लगाया था। इसमें कहा था कि ट्रस्ट की रसीदों पर फर्जी सर्टिफिकेट नंबर देकर धारा 80जी के अंतर्गत छूट का लालच दिया जा रहा है। मानसिंगका ने भी ट्रस्ट को लाखों रुपए का दान दिया। छूट के लिए आयकर विभाग में आवेदन करने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। कोर्ट में लगे परिवाद पर 2015 में सुधांशु महाराज समेत अन्य ट्रस्टियों का वारंट जारी हुआ था, किंतु सुधांश महाराज ने परिवाद को निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगा दी थी। हाईकोर्ट ने शाजापुर कोर्ट की कार्रवाई पर स्टे दे दिया था। 15 जून-15 को इसी मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी और सुुधांशु महाराज को 30 जुलाई-15 को शाजापुर कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश दिए थे। इसके पूर्व सुधांशु महाराज की ओर से यहां अग्रिम जमानत आवेदन लगा दिया गया था।