हिमाचल की जनता ने निर्दलीयों को नकारा, 905 में से केवल पांच ही चुनाव जीत सके

शिमला,गुजरात और हिमाचल प्रदेश की जनता ने इस बार के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय को दर‎किनार कर ‎दिया है। दोनों राज्यों से 905 निर्दलीय उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था लेकिन उनमें से केवल पांच ही प्रत्याशियों ने ही जीत दर्ज की है। चुनाव आयोग द्वारा सोमवार को घोषित दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम के अनुसार गुजरात में तीन निर्दलीय और हिमाचल प्रदेश में दो निर्दलीय प्रत्याशी विधानसभा में पहुंचे हैं। गुजरात में 793 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे जबकि हिमाचल प्रदेश में 112 निर्दलीय प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाई थी।
गुजरात में तीन ऐसे उम्मीदवार और हिमाचल प्रदेश में 2 ऐसे प्रत्याशी ही अपनी कोशिशों में कामयाब रहे। वोट हासिल करने के लिहाज से निर्दलीय प्रत्याशी बीजेपी और कांग्रेस के बाद तीसरे स्थान पर रहे। गुजरात में निर्दलियों को 4.9 फीसदी वोट मिले. प्रदेश में बीजेपी के पक्ष में 49.1 फीसद वोट पड़े जबकि कांग्रेस को 41.4 फीसद मत मिले। हिमाचल प्रदेश में निर्दलियों के खाते में 6.3 फीसदी वोट गए। यहां बीजेपी ने 48.7 फीसदी वोट हासिल किए जबकि कांग्रेस 41.8 फीसदी वोट पाने में सफल रही।
गुजरात में चुनाव जीतने वाले तीन निर्दलीय प्रत्याशी दलित नेता जिग्नेश मेवानी (वडगाम), रत्नसिंह मगनसिंह राठौड़ (लुनावाड़ा) और भूपेंद्रसिंह वेचातभाई खांट (मोर्वा हदाफ) हैं। कांग्रेस समर्थित जिग्नेश मेवानी ने बीजेपी के विजय चक्रवर्ती, राठौड़ ने बीजेपी के पटेल मनोजकुमार रयाजीभाई और खांट ने बीजेपी के दिनदौर विक्रमसिंह को चुनाव में हराया। हिमाचल प्रदेश में निर्दलीय प्रत्याशी होशयार सिंह ने देहरा सीट पर बीजेपी के रवींद्रसिंह रवि को शिकास्त दी। जबकि एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश राणा ने जोगिदंरनगर में बीजेपी के कद्दावर गुलाब सिंह ठाकुर को हराया।

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