नई दिल्ली , पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा राज्य के हंगू जिले में सिख समुदाय के कुछ लोगों को जबरन मुसलमान बनाने का मामला सामने आया है। इस घटना का विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को उचित मंच पर उठाएंगी। सिख समुदाय ने पिछले शुक्रवार को ही इस संबंध में हंगू के उपायुक्त शाहिद महमूद से शिकायत कर इस मामले को उठाया।
आरोप है कि तहसील के सहायक आयुक्त याकूब खान ने सिखों को जबरन धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया। अल्पसंख्यकों के जिला समन्वयक फरीद चंद सिंह ने यह शिकायत दर्ज करायी है। उनका कहना है कि सिख समुदाय यहां सन 1901 से रह रहा है और उन्होंने कभी किसी तरह का अपराध नहीं किया है। मुस्लिम समुदाय के बीच वे अपनी धार्मिक मान्यताओं के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रहते आए हैं। उन्होंने कहा कभी किसी निवासी ने उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की। इससे पहले किसी ने कभी धर्म परिवर्तन के लिए भी दबाव नहीं डाला। उन्होंने कहा उनका मुस्लिम समुदाय के साथ दोस्ताना रिश्ता है।
फरीद चंद सिंह ने कहा उन्हें कभी इतना बुरा नहीं लगा। लेकिन जब आपको पता चलता है कि कोई सरकारी अधिकारी ही जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवा रहा है तो यह गंभीर बात है। हम दोआब क्षेत्र के रहने वाले हैं और हमें धार्मिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा संविधान हमें अपनी धार्मिक भावनाओं के साथ जीने का अधिकार देता है और हम चाहते हैं कि असिस्टेंट कमिश्नर तल अयूब खान से इस बारे में पूछताछ हो। उन्होंने कहा उनके मामले कि निष्पक्षता से जांच हो ताकि उनका समाज पाकिस्तान में प्यार, शांति और सौहार्द के साथ जीवन जी सके।
हालांकि जब डिप्टी कमिश्नर शाहिद महमूद से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने मामले को टालते हुए जबरन धर्म परिवर्तन में लिप्त अधिकारी को बचाने की कोशिश की। उपायुक्त ने कहा किसी के जबरन धर्म परिवर्तन का कोई मामला नहीं है। बल्कि जिला प्रशासन लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता को बनाए रखने में मदद कर रहा है। उन्होंने कहा पूरे जिले में लोगों की धार्मिक मान्यताओं और उनकी सुरक्षा के प्रति मुस्तैद हैं। पंजाब से आने वाली केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने भी इस संबंध में सुषमा स्वराज के ट्वीट पर उनका शुक्रिया किया है।