लखनऊ, उप्र विधानसभा में सोमवार को निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने हिस्ट्रीषीटरों से अपनी जान का खतरा बताकर सनसनी फैला दी। अपना दर्द बयां करते हुए उन्होंने पूर्वांचल के एक दबंग माफिया का नाम तक ले लिया जिसके बाद बसपा सदस्यों ने इसका विरोध किया और कहा कि जो व्यक्ति इस सदन का सदस्य नहीं है, उसका नाम नहीं लिया जाना चाहिए। साथ ही यह भी कहा गया कि जो आरोप लगाये जा रहे हैं उनका कोई प्रमाण नहीं है।
दरअसल हुआ यूं कि महाराजगंज जिले के नौतनवां से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने शून्यकाल के दौरान विधानसभा में कहा कि उन्हें हिस्ट्रीशीटरों से जान का खतरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ फर्जी मामले दर्ज किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गोरखपुर के हिस्ट्रीशीटर मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुझे, मेरी पत्नी की हत्या में फंसाया गया और अब मुझ पर एक लाख रूपये की रंगदारी वसूलने का झूठा मुकदमा लिखाया गया है। उन्होंने कहा कि उनके राजनीतिक कैरियर और परिवार के खिलाफ साजिश की जा रही है। उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर वह धमकाने वाले व्यक्ति का नाम लेंगे तो उनकी हत्या हो जाएगी। जब सत्तापक्ष की ओर से अमनमणि त्रिपाठी से हिस्ट्रीशीटर का नाम बताने पर जोर दिया तो उन्होंने एक पूर्व विधायक का नाम हिस्ट्रीशीटर के संरक्षक के रूप में लिया। इस पर सदन में मौजूद पूर्व विधायक के पुत्र एवं बसपा विधायक विनय तिवारी ने विरोध किया। बाद में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदस्य को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी सुरक्षा बढाने को तैयार है।