खरगोन/भोपाल, मध्य प्रदेश में किसानों की आत्महत्याओं का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। खरगोन में कर्ज से परेशान किसान ने कीटनाशक पी लिया, अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक शनिवार को किसान कैलाश पिता लालसिंह ने खेत में कीटनाशक पी लिया था। बताया जा रहा है की किसान पर कर्ज था और बैंकवाले किसान को परेशान कर रहे थे।
किसानों दी चेतावनी
इधर श्योपुर में 35 गांव के किसानों ने सरकार के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने भाजपा को चेतावनी भी दे दी है। दरअसल, श्योपुर के किसानों में नहर की मांग को लेकर सरकार के प्रति आक्रोश है।किसान शनिवार से अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठ गए है।बता दे कि किसान लंबे समय से श्योपुर विधानसभा में नहर की मांग किए हुए है, लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी मांग पूरी नहीं की है। किसानों के इस आंदोलन में विपक्ष ने भी साथ देकर आग में घी का काम किया है। इसके लिए किसानों ने सरकार को चेतावनी तक दे डाली है कि नहर नहीं तो वोट नहीं। किसानों का कहना है कि मूजरी बांध बनाया जाए,इसके साथ ही चम्बल नहर से छोटी नहर निकाली जाए, ताकी किसानों को पानी की व्यवस्था भरपूर हो सके। चेतावनी देते हुए किसानों ने कहा है कि नहर को मंजूरी नहीं मिली तो वह उग्र आंदोलन करने में भी पीछे नहीं रहेंगे। किसानों ने धरने पर एलान किया कि जो पार्टी नहर को मंजूरी देगी वे उसी पार्टी को वोट देंगे। अगर नहर नहीं बनेगी तो वोट भी नही दिया जाएगा। किसानों ने विधायक दुर्गालाल विजय को भी खरी-खोटी सुनाकर वापस कर दिया। किसानों के साथ साथ कांग्रेस और बसपा विधायकों ने भी भाजपा विधायक को भला-बुरा कहा।
कांग्रेस, बसपा विधायकों का साथ
कांग्रेस और बसपा किसानों के साथ आ गये हैं। इन नेताओं को किसानों का भरपूर साथ मिल रहा है, जिसका फायदा उठाकर ये भाजपा सरकार पर हमले किए हुए है। उधऱ भाजपा सरकार और क्षेत्र के विधायक मूजरी बांध से किसानों को सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था कराने का आश्वासन देकर किसानों को मनाने का प्रयास कर रही है, लेकिन किसान नेताओं के आश्वाशन ना सुनते हुए सीधे नहर के मंजूरी के मुद्दे पर अड़े हुए है।