नई दिल्ली, राहुल गांधी को मिली दैवीय प्रेरणा को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दावा किया है कि राहुल जब हिमालय में करीब 3,500 मीटर ऊंचाई पर बसे विख्यात ज्योर्तिलिंग केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने गये थे तो वहां वह करीब आधे घण्टे ध्यानमग्न रहे थे और उन्हें वहां दैवीय ‘‘अनुभूति’’ हुई थी। राहुल के बारे में यह खुलासा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने किया। उन्होंने यह भी कहा कि उस दौरे में केदारनाथ मंदिर का दर्शन करने के बाद ही राहुल ने अन्न ग्रहण किया था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि राहुल और कांग्रेस नेता धर्म को व्यक्तिगत आस्था का विषय मानते हैं और इस बारे में सार्वजनिक चर्चा से बचते हैं।
रावत ने गुजरात चुनाव के दौरान राहुल गांधी के कई मंदिरों में जाने को लेकर भाजपा द्वारा कटाक्ष किये जाने का उल्लेख करते कहा कि केदार त्रासदी के समय उन्होंने स्वयं देखा है कि राहुल ने केदारनाथ मंदिर जाते समय अपने हाथों से मलबा उठाया था। उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी घटना तब की है जब मैं (उत्तराखंड का) मुख्यमंत्री बन गया था। राहुलजी का फोन आया कि मैं केदारनाथ जाना चाहता हूं। मैंने हेलीकाप्टर आदि का प्रबंध किया। किंतु उन्होंने कहा कि वह पैदल ही केदारनाथ मंदिर जाएंगे।’’ रावत ने बताया कि उन्हें एवं उनके सुरक्षाकर्मियों को उम्मीद थी कि राहुल उस समय पांच-सात मिनट केदारनाथजी के समक्ष बैठेंगे। किंतु राहुल गांधी वहां आधे घंटे तक बैठे रहे। ‘‘वह कुछ ध्यान मग्न होकर बैठे और मन ही मन कुछ बुदबुदा रहे थे। उन्होंने मुझसे दो-तीन दिन पहले पूछा था कि केदारनाथजी का कोई भजन है। उन्होंने बाद में मुझसे यह भी कहा कि केदारनाथजी का एक अलग से भजन भी बनवाइये। मैंने फिर एक भजन भी तैयार करवाया, ‘जय केदारा।’
रावत ने बताया कि मंदिर से निकलने के बाद राहुल ने उनसे कहा, ‘‘मुझे यहां बड़ी अनुभूति हुई,जैसे कि कोई एक प्रकाश उससे निकल रहा है, जो हम सभी को ब्लेस (कृपा) कर रहा है।’’ रावत ने कहा कि यह बातें बताती हैं कि उनके मन में कितनी भक्ति है।