नई दिल्ली, दिल्ली से सटे गुरुग्राम के भोंडसी स्थित रायन इंटरनेशनल स्कूल में हुई दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की हत्या मामले में शुक्रवार को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में सुनवाई हुई है। करीब ढाई घंटे तक चली बहस के बाद बोर्ड ने आरोपी छात्र की जमानत याचिका खारिज की, जबकि उसके बालिग या नाबालिग होने पर पर 20 दिसंबर को फैसला आ सकता है। शुक्रवार दोपहर दो बजे शुरू हुई बहस के पहले 30 मिनट में ही दोनों पक्षों में खूब तीखी बहस हुई, जिसे बाद में बोर्ड अध्यक्ष ने शांत करवाया है। गौरतलब है कि प्रद्युम्न हत्याकांड में मामले की जांच करने के बाद सीबीआई ने 7 नवंबर को स्कूल के ही 11वीं कक्षा के छात्र को हिरासत में लिया था। छात्र को बोर्ड के समक्ष पेश कर उसे बाल सुधार गृह फरीदाबाद भेज दिया गया था। प्रद्युम्न के पिता द्वारा जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में याचिका दायर की थी कि आरोपी ने संगीन अपराध किया है इसलिए उस पर बालिगों की तरह मुकदमा चलाया जाए। इस पर बोर्ड ने सोशल इनवेस्टिगेशन व साइकोलॉजिकल टेस्ट रिपोर्ट तैयार करवाई थी। आरोपी छात्र की ओर से बोर्ड के समक्ष जमानत याचिका दायर की गई थी। दोनों ही मामलों में शुक्रवार को बोर्ड में सुनवाई हुई। शुक्रवार को दोपहर 2 बजे जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। पहले करीब 30 मिनट तक जमानत याचिका पर आरोपी के अधिवक्ता, सीबीआई व प्रद्युम्न के अधिवक्ता के बीच बहस हुई। इस दौरान आरोपी के अधिवक्ता ने तैश में आकर बोर्ड अध्यक्ष पर भी अपना प्रभाव दिखाने का प्रयास किया, जिस पर बोर्ड अध्यक्ष ने उन्हें शांत करवा दिया। 10 मिनट का ब्रेक लेने के बाद एक बार फिर मामले की सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान सभी पक्षों को सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट देखने के लिए दी गई और उसके तुरंत बाद बहस शुरू हो गई। यह बहस रिपोर्ट में दिए गए बिंदुओं पर भी की गई। करीब दो घंटे तक चली बहस के बाद बोर्ड ने आरोपी पर बालिग या नाबालिग की तरह मुकदमा चलाए जाने का फैसला सुरक्षित रख लिया। बोर्ड ने शुक्रवार शाम को ही आरोपी की जमानत याचिका पर फैसला देते हुए उसे खारिज कर दिया है। प्रद्युम्न के अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल ने बताया कि बोर्ड ने कहा है कि जुवेनाइल को कोई जमानत नहीं मिल सकती। बोर्ड ने आरोपी पर बालिग या नाबालिग की तरह मुकदमा चलाए जाने का फैसला सुरक्षित रख लिया। यह फैसला 20 दिसंबर को सुबह साढ़े 10 बजे सुनाया जाएगा। इसी दिन आरोपी जुवेनाइल की न्यायिक हिरासत पूरी होने के बाद उसे बोर्ड के समक्ष पेश होगा।