पटना, गुजरात चुनाव पर एग्जिट पोल भाजपा के पक्ष में क्या आया बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि गुजरात में पाकिस्तान समर्थकों की हार हो रही है। मोदी ने राजद और कांग्रेस पर भी आरोप लगाए। इसके जवाब में राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने सुशील मोदी को कांग्रेस शासनकाल की याद दिलाई।
उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया कि गुजरात विधानसभा के चुनाव के दूसरे चरण में भी जनता ने भारी मतदान कर भाजपा सरकार की शानदार वापसी सुनिश्चित कर दी। सरदार पटेल की भूमि पर पाकिस्तान परस्त ताकतें फिर परास्त होंगी। झारखंड के प्राकृतिक संसाधनों की लूट के लिए जब निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा ने भाजपा की सरकार गिराई थी, तब कांग्रेस और लालू प्रसाद की पार्टी के 16 विधायकों ने उनका साथ देकर लोकतंत्र को कलंकित किया था। कोड़ा के 3549 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले में बहुतों के हाथ काले हुए।
राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सुशील मोदी को ‘छोटे मोदी’ की संज्ञा दी और कांग्रेस शासन की याद दिलाते हुए कहा कि मुझे गलतफहमी थी कि छोटे मोदी पढ़ने-लिखने वाले व्यक्ति हैं, लेकिन इस बयान ने मुझे उनके प्रति अपनी धारणा को बदलने के लिए मजबूर कर दिया है। जिनको ये पाकिस्तान समर्थक बता रहे हैं, उन्होंने उसको तीन बार युद्ध में परास्त किया है। 1948, 1965 और 1971 के तीनों युद्ध में पाकिस्तान को भारत भारी शिकस्त दे चुका है। बल्कि 1971 में तो इंदिरा गांधी ने तो पाकिस्तान को दो टुकड़ों में विभाजित करा दिया था।
पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश के नाम से एक नया देश बन गया। तिवारी ने कहा कि छोटे मोदी भूल जा रहे हैं कि इंदिरा जी की इस उपलब्धि के लिए स्वयं अटल जी ने उन्हें ‘दुर्गा’ की संज्ञा दी थी। सर्जिकल स्ट्राइक का शोर मचाने वाले लोग भूल रहे हैं कि उस युद्ध में पाकिस्तानी जनरल नियाज़ी के साथ लगभग एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय फ़ौज के समक्ष समर्पण कर दिया था। दुनिया के युद्ध के इतिहास में अपनी तरह की यह अनोखी घटना है।
उन्होंने कहा कि सुशील मोदी अटल सरकार के समय 1999 में काठमांडू से भारतीय विमान के अपहरण की घटना को भूल रहे हैं। अपहरणकर्ताओं की मांग पर भारत की जेल में बंद पाकिस्तान के खूंखार आतंकवादियों को अटल सरकार के मंत्री ही कंधार पहुंचा आए थे। उन्हीं आतंकवादियों में एक ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का संस्थापक मौलाना मसूद अजहर भी था। इसी मसूद अजहर ने 2001 में संसद भवन पर हमला करवाया था। आज भी वह हमारे देश के लिए सरदर्द बना हुआ है। शिवानंद तिवारी ने मोदी को सलाह देते हुए कहा कि कम से कम बिहार में ऐसी भाषा का इस्तेमाल न करें।
एक्जिट पोल के नतीजों को लेकर सुशील व शिवानंद के बीच ठनी
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