जयपुर,राजस्थान सरकार के आधिकारिक लेटरहेट पर अब अशोक स्तंभ के साथ दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर भी रहेगी। वसुंधरा राजे सरकार ने इसके लिए एक आदेश जारी किया है। राज्य सरकार ने जनसंघ के संस्थापक की जन्मशती और राज्य सरकार की चौथी सालगिरह मनाने का निर्णय लिया है। भाजपा के विधायक और सांसद इस साल अगस्त से अपने पर्सनल लेटरहेड पर उपाध्याय की तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं। राजस्थान की भाजपा सरकार के इस फैसले की काफी आलोचना हो रही है। कांग्रेस के राजस्थान इकाई के मुखिया सचिन पायलट ने कहा कि यह नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा उपाध्याय कभी किसी संवैधानिक पद पर नहीं रहे, ऐसे में लेटरहेड पर उनकी तस्वीर का इस्तेमाल पूरी तरह से गलत है। उन्हें संगठन के स्तर पर अपने नेता का सम्मान करना चाहिए।
राजस्थान सरकार पहली राज्य सरकार है, जिसने अपने लेटरहेड में दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर लगाने का फैसला किया है। हालांकि केंद्र सरकार के लेटरहेड में उनकी तस्वीर का पहले भी उपयोग किया जा चुका है। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उपाध्याय की तस्वीर का इस्तेमाल अपने आधिकारिक लेटरहेड पर किया था। केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद से दीनदयाल उपाध्याय का नाम काफी चर्चा में आया है. इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन कर दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई सरकारी योजनाओं का नाम दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखा है।
राजस्थान सरकार के लेटरहेड पर लगेगी दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर
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