बाघों को शिकार से बचाने मध्यप्रदेश ने मांगे 1200 करोड़ रुपये

भोपाल, केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान कहा कि विकास के परिणाम स्वरूप जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के समाधान के लिये पूरी दुनिया एकजुट होकर कार्य-योजना बना रही है। दुनिया को इस समस्या से उबारने में वनों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उधर,प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) जितेन्द्र अग्रवाल ने केन्द्रीय मंत्री के समक्ष बाघों को करंट से बचाने के लिये 1200 करोड़ रुपये की मांग को दोहराया। अग्रवाल ने कहा कि यदि केन्द्र से यह राशि मिल जाती है तो बिजली की लाइनों का इन्सुलेशन करवाया जायेगा। इससे शिकारी करंट लगाकर बाघ एवं अन्य वन्य प्राणियों का शिकार नहीं कर सकेंगे। डॉ. हर्षवर्धन ने बैठक में मध्यप्रदेश के वनों के घनत्व, वृक्षावरण, कार्य आयोजना, केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं, नवाचार, कैम्पा फंड, वृक्षारोपण, ग्रीन इंडिया मिशन, वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण, संयुक्त वन प्रबंधन, वन्य प्राणी प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम, राज्य लघु वनोपज संघ, राज्य वन विकास निगम आदि की समीक्षा की। अपर मुख्य सचिव दीपक खांडेकर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख डॉ. अनिमेष शुक्ला, वन विकास निगम के प्रबंध संचालक रवि श्रीवास्तव, राज्य लघुवनोपज संघ के प्रबंध संचालक जव्वाद हसन सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

 

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