विधानसभा में अवैध नियुक्ति का मामला,श्रीनिवास तिवारी ने अपने खिलाफ कार्रवाई को हाईकोर्ट में दी चुनौती

जबलपुर, मध्यप्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी ने अपने खिलाफ पुलिस और कानूनी कार्यवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। श्रीनिवास तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश विधानसभा के सचिव को नोटिस जारी किया है और 18 जनवरी तक उनका जवाब मांगा है।
याचिका में पूर्व विधासनभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की ओर से कहा गया है कि संविधान का अनुच्छेद 187 और 212 उन्हें संवैधानिक संरक्षण देता है जिसके चलते उनके खिलाफ ना तो पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की जा सकती है और ना ही उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाई की जा सकती है। याचिका में कहा गया कि विधानसभा अध्यक्ष का पद संवैधानिक पद है और पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ तभी कोई कार्यवाई की जा सकती है जब इसके लिए विधानसभा में चर्चा के बाद प्रस्ताव पास किया जाए। याचिका में कहा गया कि श्रीनिवास तिवारी के मामले में ऐसा कोई प्रस्ताव पास किए बिना ही अवैध नियुक्ति मामले में उनके खिलाफ भोपाल के जहांगीराबाद पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई और मामले पर निचली अदालत में ट्रायल भी जारी है। ऐसे में श्रीनिवास तिवारी ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर और निचली अदालत में जारी मामले को रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में ये याचिका दायर की है,जिस पर अब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और विधानसभा सचिव का जवाब मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 18 जनवरी को की जाएगी। उल्लेखनीय है कि श्रीनिवास तिवारी वर्ष 1993 से 2000 तक मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रहे थे जिन पर अपने कार्यकाल में विधानसभा में बड़ी तादात में अवैध नियुक्तियां करने का आरोप है।

 

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