भोपाल, माखनलाल जाटव हत्याकांड मामले के आरोपी और भाजपा के लाल मंत्री लालसिंह आर्य जल्द ही जेल की जद में होंगे। कई दिनों से सरकार उन्हें बचा रही थी, लेकिन अब पानी गले से ऊपर हो गया है। भिंड पुलिस लगातार आर्य को ढूंढ रही है, लेकिन वे भूमिगत हो गये। भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि लाल सिंह आर्य इस्तीफा नहीं देंगे। गौरतलब है कि बीते दिनों ही प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा था कि मेरे लाल सिंह निर्दोष हैं। वारंट से क्या होता है? जब तक जमानत न हो जाए, वे सामने न आएं। वहीं, बुधवार को मप्र हाईकोर्ट ने आर्य की उस याचिका को फिर से सुनवाई में ले लिया है, जिसमें उन्होंने भिंड के विशेष कोर्ट में गोहद विधायक माखन जाटव हत्याकांड का ट्रायल चलाने को चुनौती दी है।
केंद्रीय संगठन ने मांगी रिपोर्ट
इस पूरे मामले की जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी ली है जो अब तक गुजरात चुनाव में व्यस्त थे माना जा रहा है कि 18 दिसम्बर को लालसिंह आर्य की माखन जाटव मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई है और इसके पहले भिंड जिला अदालत ने 6 बार पेश ना होने पर उनका गिरफ्तारी वारंट जारी किया है ऐसे में आर्य का इस्तीफा पार्टी 18 दिसम्बर के पहले ले सकती है।
सोशल मीडिया पर सवाल
इस मामले के गर्माते ही विपक्ष भी हमलावर हो गया है। सोशल मीडिया में शिवराज सरकार पर सवाल उठाये जा रहे हैं। इसके बाद सरकार में हड़कंप मचा हुआ है। यह सब ऐसे समय में हो रहा है, जबकि शिवराज मंत्रिमंडल में विस्तार होना है। सूत्रों का कहना है कि लालसिंह आर्य विवाद के कारण कैबिनेट विस्तार कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है। अब यह विस्तार जनवरी में होगा। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज लालसिंह आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाना चाहते हैं, वहीं कैबिनेट मंत्री कुसुम महदेले ,और दो राज्य मंत्री हर्ष सिंह और एक कद्दावर मंत्री की भी मंत्री पद से छुट्टी होने वाली है।
सहस्त्रबुद्धे आ रहे भोपाल
प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे के भोपाल आने वाले हैं। इसके बाद सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लालसिंह आर्य इस्तीफा दे देंगे। प्रदेश प्रभारी शुक्रवार को भोपाल पहुंच रहे है। वे लालसिंह आर्य के इस्तीफे पर मुहर लगाएंगे।
विपक्ष हमलावर
आर्य को सरकार द्वारा बचाये जाने को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने हल्ला बोला है। विपक्ष आर्य के इस्तीफे की मांग कर रहा है। साथ विपक्ष ने मंत्री को ना पकड़ पाने के लिए प्रदेश की शिवराज सरकार औऱ पुलिस प्रशासन के लचर रवैये पर सवाल उठाये हैं।
इसलिए घिरे हैं आर्य
2009 में भिंड जिले में कांग्रेस विधायक माखन सिंह जाटव की लोकसभा चुनाव के दौरान हत्या हो गई थी। जाटव के परिजनों का आरोप है कि हत्या के पीछे लाल सिंह आर्य का हाथ था क्योंकि लाखन सिंह जाटव ने लाल सिंह को ही चुनाव हराया था। पुलिस ने इस आरोप पर ध्यान नहीं दिया तो माखन सिंह के परिजन अदालत पहुंच गए। बाद में अदालत ने लाल सिंह आर्य को हत्या का आरोपी बनाने का आदेश दे दिया। अब तक अदालत 7 वारंट जारी कर चुकी है, लेकिन लाल सिंह अदालत में पेश नहीं हुए हैं। इसके अलावा अब जो वारंट जारी हुआ है वह गिरफ्तारी वारंट है। अब पुलिस को 19 दिसंबर से पहले लाल सिंह को अदालत में पेश करना है।
जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में फिर होगी बहस
बुधवार को मप्र हाईकोर्ट की एकल पीठ ने लाल सिंह आर्य की उस याचिका को फिर से सुनवाई में ले लिया है, जिसमें उन्होंने भिंड के विशेष कोर्ट में गोहद विधायक माखन जाटव हत्याकांड का ट्रायल चलाने को चुनौती दी है। पहले हाईकोर्ट ने आर्य की याचिका को खारिज कर दिया था। सीबीआई ने ग्वालियर हाईकोर्ट को बताया कि ट्रायल के क्षेत्राधिकार को लेकर 2011 में इंदौर हाई कोर्ट में पिटीशन दायर की है। इस पर फाइनल फैसला होना है। इसके चलते हाई कोर्ट ने याचिका को फिर से सुनवाई में ले लिया। इस पर 18 दिसंबर को बहस होगी। भिंड के विशेष कोर्ट ने मंत्री लाल सिंह को माखन जाटव हत्याकांड में सह आरोपी बना लिया है और उनका गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। उन्होंने भिंड के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। बहस के बाद हाई कोर्ट की एकल पीठ ने आदेश के लिए फैसला सुरक्षित कर लिया था। सीबीआई की ओर से हाई कोर्ट के ध्यान में लाया गया कि इंदौर के विशेष कोर्ट से ट्रायल भिंड स्थानांतरण करने के बाद 2011 में सीबीआई ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि ट्रायल का क्षेत्राधिकार तय किया जाए। वर्तमान में याचिका लंबित है। उस पर फैसला नहीं आया है। सीबीआई व लाल सिंह की याचिका में ट्रायल के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी गई है। इसके चलते आर्य की याचिका पर फिर से सुनवाई होगी। 18 दिसंबर को सुनवाई कर तय किया जाएगा कि कौन सी याचिका की सुनवाई पहले की जाएगी। ज्ञात हो कि लाल सिंह आर्य ने तर्क दिया है कि माखन जाटव हत्याकांड की जांच सीबीआई ने की और उसकी ट्रायल विशेष कोर्ट इंदौर में चलेगी। भिंड यह ट्रायल नहीं चल सकती।