भोपाल, राजधानी से आदमपुर छावनी में बनने जा रहे स्लाटर हाउस का काम अब जोर पकडेगा। इसके लिए सरकार ने अब 10 एकड़ जमीन आवंटित करने के नगर निगम द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर सैद्घांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। मामला अब राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव के पास पहुंच गया है। यहां से जल्द 10 एकड़ के प्रस्ताव पर स्वीकृति मिल सकती है। स्लाटर हाउस बनाने वाली एचएमए कंपनी ने एग्रीमेंट से पहले 35 एकड़ जमीन की मांग रखी थी। नगर निगम ने पांच एकड़ जगह दी थी। अचानक ज्यादा जमीन की मांग के बाद स्लाटर हाउस का मामला अटका गया। निगम ने बीच का रास्ता निकालते हुए 10 एकड़ जमीन के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था, जिसे स्वीकृति मिल गई है। अब राजस्व विभाग से जमीन का आवंटन होना है। आदमपुर छावनी में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भी लगाया जाना है। लेकिन, यहां पर 35 एकड़ जमीन उपलब्ध नहीं है। इधर, निगम प्रशासन को कंपनी ने अब तक जमीन का तकनीकी प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया है।
इस प्रस्ताव में कंपनी को बताना होगा कि ज्यादा जगह का वह क्या उपयोग करेगी। बता दें कि निगम आयुक्त प्रियंका दास और नगरीय प्रशासन के अफसरों ने कंपनी को स्पष्ट कह दिया है कि या तो काम चालू करें या इंकार करें, लेकिन, नए सिरे से टेंडर करने में देरी के चलते बीच का रास्ता निकालने की कवायद चल रही है। बताया जाता है कि निगम के टेंडर की शर्तों में पांच एकड़ जगह पर ही स्लाटर हाउस बनना था, इसमें लिक्विड वेस्ट को एसटीपी लगाकर पानी को ट्रीटमेंट करना होगा। इसमें ज्यादा राशि खर्च होगी। मानक ब्यूरो के हिसाब से स्लाटर हाउस के लिए पांच एकड़ जगह पर्याप्त है। कंपनी चाहती है कि स्लाटर हाउस से निकलने वाला लिक्विड वेस्ट को सीधे पेड़ पौधों में डाला जा सके। इससे कंपनी का खर्च बचेगा। यही वजह है कि कंपनी ने पंजाब के करनाल में बने स्लाटर हाउस का प्रेजेंटेशन दिखाया था और 35 एकड़ जमीन की मांग की थी। लेकिन, जब टेक्निकल प्लान मांगा गया तो कंपनी नहीं दे पाई। एनजीटी के आदेश हैं कि जिंसी स्थित स्लाटर हाउस को 31 मार्च तक बंद कर नए स्थान पर खोला जाए।