नई दिल्ली, कैशलेस माध्यम से भुगतान करने पर रेलवे छूट देने की योजना बना रहा है। रेलवे पहले से डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए मासिक यात्रा पास बनवाने वालों को 0.5 फीसदी की छूट दे रहा है। अब गैर-आरक्षित श्रेणी को भी इस तरह की सुविधा दी जा सकती है। कैशलेस टिकट खरीदने वालों को मुफ्त यात्री पास दिया जा सकता है। रेलवे को आईआरसीटीसी के जरिए टिकट खरीदने पर सर्विस चार्ज खत्म किए जाने के कारण सालाना 400 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। फिलहाल, पैसेंजर सेगमेंट में 60 फीसदी सालाना ट्रांजैक्शंस कैशलेस होता है। नोटबंदी के बाद इसमें 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। नवंबर 2016 से पहले ज्यादातर डिजिटल ट्रांजैक्शन आईआरसीटीसी पोर्टल के जरिए होते थे। नोटबंदी के बाद रेलवे ने टिकट काउंटरों पर पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन मुहैया कराकर डिजिटल वॉलिट के जरिए पेमेंट स्वीकार करना शुरू किया था। रेलवे अपने सभी 15 हजार टिकट काउंटरों पर पॉइंट ऑफ सेल मशीन मुहैया करा रहा है। रेलवे ने अब अपने टोटल पेमेंट का 85-90 फीसदी हिस्से को कैशलेस बनाने का टारगेट तय किया है। रेलवे को पैसेंजरों से सालाना 48 हजार करोड़ का रेवेन्यू मिलता है। अब रेलवे ने टिकट काउंटरों पर भी कार्ड और भीम ऐप से पेमेंट स्वीकार करना शुरू किया है। रेलवे को इससे फायदा हो रहा है। रेलवे ने बैंकों से अनुरोध किया है कि वे रेल टिकट के लिए डिजिटल पेमेंट पर चार्ज में कटौती करें। इससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा और बैंकों को भी फायदा होगा।