पटना, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी रेलवे टेंडर घोटाला केस में पूछताछ के लिए आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय में पहुंचीं। प्रवर्तन निदेशालय की टीम राबड़ी देवी से इस मामले में पूछताछ की। इससे पहले उन्हें सात बार नोटिस जारी किया गया था, लेकिन वह पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुईं थीं।
लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे के दो होटलों को लीज पर देने में भ्रष्टाचार के मामले में उनसे पूछताछ की गई। इस मामले में लालू के साथ राबड़ी, तेजस्वी यादव, प्रेमचंद गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता समेत आईआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पीके गोयल और दोनों होटल को लीज पर लेने वाले विनय कोचर और विजय कोचर को नामजद अभियुक्त बनाया गया है।
ईडी ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस मामले में 13 नवंबर और दस अक्टूबर को दो बार पूछताछ की थी। ईडी तेजस्वी, उनके पिता लालू प्रसाद और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ धन शोधन एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामले में अनियमितताओं की जांच कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने 27 जुलाई को केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा एफआईआर के तहत पीएमएलए के अंतर्गत एक मामला दर्ज किया था और फर्जी कंपनियों के माध्यम से हस्तांतरित किए गए धन की जांच कर रहा है। सीबीआई ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ पांच जुलाई को भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। यह मामला 2006 का है, जब रांची और पुरी में भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के दो होटलों के आवंटन अनुबंध में कथित अनियमितताएं पाई गई थी। यह ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया था। उस वक्त राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख रेल मंत्री थे।