रायपुर, शिक्षाकर्मियों के बेमुद्दत हड़ताल एवं शिक्षाकर्मियों को शहर के पास के इलाकों में ट्रांसफर दिये जाने का फार्मूला असफल हो गया। शिक्षाकर्मियों ने अपना तबादला मनपसंद जगह आवेदन दिया। तबादले का ऑफर सफल नहीं होने पर जिला पंचायतों ने प्रमोशन में अड़ंगा लगाने की चेतावनी दी थी। शुक्रवार तक हड़ताल समाप्त कर ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने वाले शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति रोक लगाने के बाद सरकार द्वारा कही गई थी। शिक्षाकर्मियों की हड़ताल जारी रही। सरकार के प्रस्ताव को एक बार फिर शिक्षाकर्मियों ने नकारा है। शुक्रवार को दोपहर बारह बजे से करीब 40 मिनट तक की सरकार और शिक्षाकर्मियों के साथ वार्तालाप हुई लेकिन इसका नतीजा नहीं निकला। बैठक के बाद शिक्षाकर्मियों ने अपनी बैठक में इस बात की घोषणा कर दी कि वो अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। इससे पहले पंचायत सचिव, आरपी. मंडल और संचालक तारंग प्रकाश सिन्हा के साथ शिक्षाकर्मियों की बातचीत में उसी बात को दोहराया गया जो 19 नवंबर को दिया गया था। सरकार की तरफ से ये कहा गया कि शिक्षाकर्मियों के लिए एक कमेटी चीफ सेकेट्री की अध्यक्षता में बनाई जायेगी। उस कमेटी के प्रस्ताव पर फिर सरकार अपना निर्णय लेगी। सातवां वेतनमान,क्रमोन्नति, वेतन विसंगति सहित तमाम प्रस्तावां कमेटी पर ही डाल दिया गया। जिसके बाद शिक्षाकर्मियों ने अपनी हड़ताल को जारी रखने की घोषणा कर दी। इस घोषणा के बाद कल शिक्षाकर्मी पूरे परिवार के साथ राजधानी की सड़कों पर उतरेंगे और रैली भी निकालेंगे। संविलियन रैली में करीब 4-5 लाख लोगों को राजधानी में जुटाने की कोशिश शिक्षाकर्मी करेंगे। प्रांतीय संचालक वीरेन्द्र दुबे ने बताया कि हम चाहते थे कि बातचीत से कोई नतीजा निकल जाये। हमने प्रस्ताव भी दिये लेकिन सरकार एक भी कदम आगे बढ़ने को तैयार नहीं।