भोपाल,गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आज विधानसभा में कहा की प्रदेश में महिला अपराधों को रोकने के लिए सरकार कटिबद्ध है। इसके लिए हरसंभव उपाय किये जा रहे हैं। उन्होंने एनसीआरबी द्वारा जारी आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के मामले में लगातार कमी आयी है। पहले जहाँ वर्ष 1993 से 2003 के बीच प्रदेश एक नम्बर पर था, वहीं अब लगातार प्रयासों के कारण आठवें नम्बर पर है।
गृह मंत्री यह बातें नियम-130 के तहत हुई चर्चा के जवाब में कहीं। गृह मंत्री ने दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हरसंभव उपाय किये जा रहे हैं। देश में पहला राज्य मध्यप्रदेश है, जहाँ जिला-स्तर पर महिला उप पुलिस अधीक्षक की पद-स्थापना की गई है। जून-2012 में महिला अपराध शाखा गठित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1993 की तुलना में दुष्कर्म के मामलों में लगातार कमी आयी है। श्री सिंह ने बताया कि संवेदनशील स्थानों पर सी.सी. टी.व्ही. कैमरे लगाये जा रहे हैं। भोपाल में अभी तक 750 स्थानों पर लगाये जा चुके हैं। प्रदेश के 61 शहरों में सी.सी. टी.व्ही. कैमरे लगाने की योजना है। इनमें से 11 शहरों में यह कार्य पूर्ण हो चुका है। अपराधों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिये डॉयल-100 सेवा शुरू की गई है। इसमें अभी 1000 गाड़ियाँ हैं और इनमें 500 गाड़ी और जोड़ी जाएंगी। यह गाड़ियाँ 3 मिनट से लेकर 30 मिनट तक के समय में अपराध-स्थल पर पहुँच जाती हैं।
गृहमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश पुलिस की विश्वसनीयता देश ही नहीं, विदेशों में भी है। सिंहस्थ में उनके द्वारा की गई क्राउड मैनेजमेंट को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है। जेल तोड़ने वाले कुख्यात अपराधियों को 8 घंटे में एनकाउंटर किया गया। शाजापुर ट्रेन ब्लास्ट के आरोपियों का 4 घंटे में गिरफ्तार किया गया। पुलिस की इनपुट के आधार पर लखनऊ में एक आतंकी मारा गया। आतंकियों द्वारा संचालित टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश किया गया, जो अंतर्राष्ट्रीय कॉलों को राष्ट्रीय कॉलों में कनवर्ट करता था। साइबर क्राइम को रोकने के लिये साइबर सेल को सशक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि 611 सूबेदार और 14 हजार 88 आरक्षकों सहित अन्य पदों पर भर्ती की जा रही है। गृहमंत्री ने कहा कि चर्चा के दौरान आये सुझावों पर यथोचित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने महिला सशक्तिकरण संबंधी भगवतीचरण वर्मा और महादेवी वर्मा की कविताओं को भी उद्धृत किया।
मंत्री संवेदनशील नहीं
महिला सुरक्षा पर विपक्ष द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि आज प्रदेश बलात्कार के मामलों में अव्वल स्थान पर है। इससे यही लगता है कि अपराधियों पर पुलिस का खौफ ही नहीं है। भोपाल में हबीबगंज इलाके के गैंगरेप का विस्तार से उल्लेख करते हुए विधायक सिंह ने कहा कि पीड़िता की रिपोर्ट लिखे जाने से लेकर मेडिकल जांच के बाद गलत रिपोर्ट देने तक दबाव चला है। ऐसे मामले में सभी आरोपियों पर मामले दर्ज होने चाहिए।
महिला सुरक्षा पर अपनी बात रखते हुए विधायक डॉ सिंह ने भोपाल समेत प्रदेश की अन्य अनेक बलात्कार की घटनाओं का उल्लेख भी किया। बलात्कार की घटनाओं के संबंध में सदन को जानकारी देते हुए सदस्य ने अपनी बात रखनी चाही तो गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सदस्य सिर्फ भोपाल के ही मामले को चर्चा में लें, लेकिन जब अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने उन्हें विषय के संबंध में बताया तो वो खामोश हो गए। जबकि मंत्री गोपाल भार्गव ने संसदीय नियमों का हवाला दिया तो कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कहा कि यह काम आसंदी का है और इस पर कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। इस प्रकार महिला सुरक्षा पर चर्चा एक बार फिर हंगामें में तब्दील हो गई । वहीं चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस विधायक राम निवास रावत ने वेदों का हवाला देते हुए कहा कि “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता” अर्थात् जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवताओं का निवास होता है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी यदि हम नारी की रक्षा नहीं कर पाएं तो हमारा जीवन बेकार है। उन्होंने भोपाल में हुए शक्ति कांड का उल्लेख करते हुए अखबार में प्रकाशित पीड़िता के बयान को पढ़ा तो सदन गमगीन हो गया। यहां उन्होंने कहा कि इस बयान को पढ़ते और सुनते हुए यदि कोई का हृदय दृवित नहीं होता तो समझना चाहिए कि वह असंवेदनशील हो चुका है। उन्होंने सदन को उन रिपोर्टों से भी अवगत कराया जिसमें मध्य प्रदेश को बलात्कार के मामले में नंबंर एक बताया गया। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं की गुमशुदगी के आंकड़े भी पेश किए। वहीं दूसरी तरफ मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने मुस्कुराते हुए टिप्पणी की, जिस पर विपक्ष एकजुट हो सरकार पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाने लगा, जिससे सदन में शोर-शराबा शुरु हो गया। विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि इससे मंत्री की महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता का पता चलता है। इस पर पुन: शोरशराबा शुरु हो गया। इसी बीच बसपा की महिला विधायक श्रीमती उषा चौधरी ने अध्यक्ष से बोलने की इजाजत चाही। इसके बाद भी महिला विधायक खामोश नहीं हुईं तो अध्यक्ष डॉ शर्मा ने सदन की कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए सदस्य से अपनी बात रखने का कहा। वहीं कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने वालों को सख्त सजा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि भोपाल में ही 12 से 15 घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे मालूम होता है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।