UP में निकाय चुनाव खत्म होते ही बिजली दरों में 12 % की बढ़ोत्तरी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को अब अपनी जेब और ढ़ीली करनी पड़ेगी। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने नयी दरों का गुरूवार ऐलान कर दिया। आयोग ने बिजली की दरों में 12 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी है। यूपीईआरसी के चेयरमैन एसके अग्रवाल ने बताया बिल में 20 फीसदी बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव था, लेकिन हमने सिर्फ 12 फीसदी बढ़ाया है। बढ़ी हुई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी। ये कॉर्मशियल, डोमेस्टिक और ग्रामीण सभी कस्टमर पर लागू होगा।
इस बीच प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि बिजली विभाग की ओर से प्रस्ताव था कि घाटे को कैसे पूरा किया जाए जिसके बाद यह बहुत मामूली वृद्धि हुई है। चुनाव से पहले जारी भाजपा के संकल्प पत्र में कहा गया था कि पहली 100 यूनिट तीन रूपये प्रति यूनिट की दर से दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि धीरे धीरे घाटे की भरपायी हो और हम चोरी पर भी सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं। अधिकारियों की जवाबदेही तय की गयी है। उन्होंने कहा कि विरोधियों का दुष्प्रचार गलत है और तथ्यों से परे है जिन्होंने मीटर नहीं लगा रखे हैं, हम चाहते हैं कि वे मीटर लगायें।
वहीं प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन आलोक कुमार ने बताया कि नयी बिजली दरों में ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को पहली सौ यूनिट तीन रूपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा। इसी प्रकार ऐसे गरीब शहरी परिवार जो सौ यूनिट तक बिजली उपभोग करते हैं उनकी भी बिजली दर तीन रूपये प्रति यूनिट होगी। उन्होंने बताया कि जो ग्रामीण उपभोक्ता हर महीने सौ यूनिट तक उपभोग करते हैं, उन्हें लागू दरों के तहत तीन रूपये 68 पैसे प्रति यूनिट देना होगा। इसमें बिजली शुल्क शामिल है यानी ग्रामीण उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट लगभग तीन रूपये आठ पैसे की सब्सिडी उपलब्ध होगी।
प्रमुख सचिव ने कहा कि नयी बिजली दरों का मुख्य उददेश्य मीटरिंग को बढ़ावा देना है ताकि छोटे उपभोक्ताओं पर अनावश्यक फिक्स्ड टैरिफ का बोझ न पड़े और बिजली की फिजूलखर्ची भी रूके। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए यदि एक ग्रामीण घरेलू उपभोक्ता एक माह में तीस यूनिट का बिजली उपभोग करता है तो नई दरों के अनुसार उसका मासिक बिल मात्र 140 रूपये आयेगा जबकि फिक्सड टैरिफ के अन्तर्गत उसके ऊपर इससे लगभग ढाई गुना का बिल ज्यादा पड़ता। श्री कुमार ने बताया कि कृषि उपयोग के लिए प्रति यूनिट मात्र एक रूपये 10 पैसे ही टैरिफ लगेगा अर्थात किसानों को प्रति यूनिट पांच रूपये 65 पैसे की सब्सिडी उपलब्ध होगी।
श्री कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में “कोल्हू उद्योग“ एक सीजनल उद्योग है। ग्रामीण क्षेत्र में किसानों के लाभार्थ इन कोल्हू श्रेणी के उपभोक्ताओं को राहत देने के लिये आॅफ-सीजन में 75 प्रतिशत की छूट दी गयी है। दस हार्सपावर के कोल्हू की एक इकाई यदि चार महीने उत्पादनरत रहती है तो वर्ष के शेष बचे हुये आठ महीनों में ऐसी इकाईयों को एक वर्ष में लगभग 11,500 रूपये की राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में लागू विद्युत दरों के अध्ययन के उपरान्त यह पाया गया है कि अभी तक उत्तर प्रदेश में ग्रामीण (घरेलू) उपभोक्ताओं से विद्युत आपूर्ति लागत का मात्र 42 प्रतिशत लिया जाता है जबकि मध्य प्रदेश में 86 प्रतिशत, राजस्थान में 100 प्रतिशत, हरियाणा में 53 प्रतिशत तथा पंजाब में 80 प्रतिशत चार्ज किया जाता है। नई दरों के अनुसार भी उत्तर प्रदेश में ग्रामीण उपभोक्ताओं से विद्युत आपूर्ति लागत का मात्र 54 प्रतिशत चार्ज किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की औद्योगिक इकाईयों का सदैव यह कहना रहा है कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक इकाईयों पर लागू विद्युत दरें अन्य प्रदेशों की तुलना में अधिक हैं जिसके कारण औद्योगिक माल बेचने में कठिनाईयाॅ आती हैं और प्रदेश में नये उद्योग स्थापित होने में भी कठिनाई आती है। इसी के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास और नये रोजगार सृजन बढ़ाने के उद्देश्य से नई दरों में औद्योगिक इकाईयों के लिए कोई वृद्धि नहीं की गई है। उन्होने बताया कि एक शिफ्ट में चलने वाले उद्योग, जिनमें से अधिकतर छोटे एवं माध्यम उद्योग सम्मिलित होते हैं, के लिए नई दरों में ग्रीष्मकाल में सुबह पांच बजे से दोपहर 11 बजे तक 15 प्रतिशत की छूट दी गई है।

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